अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास से गद-गद होकर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महेश्वर जल विद्युत परियोजना के डूब में आये लेपा गांव के लोगों ने फैसला किया है कि वे भी अपने गांव में एक करोड़ रूपये की लागत से अयोध्या जैसे ही श्रीराम मंदिर का निर्माण करेंगे और इसका बुधवार को भूमि पूजन भी किया गया. कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव सहित गणमान्य लोगों ने 5 अगस्त को इसका भूमि पूजन किया.
यह भूमि पूजन ठीक उसी समय पर किया गया, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कर रहे थे. मालूम हो कि 10 साल पहले डूब में आ रहे 250 परिवारों के गांव से चार किलोमीटर दूर बसाया था. श्रीराम मंदिर भी डूब में आ गया था. तब से भगवान तो गांव में ही है. अब उनका पुनर्वास होगा. अब ग्रामीणों ने संकल्प के मुताबिक जनसहयोग से भगवान को गांव में विराजित करने का निर्णय लिया है.
लेपा गांव के राम मंदिर की डिजाइन भी अयोध्या के मंदिर की तरह ही बनवाई गई है. इस अवसर पर अरूण यादव ने बताया, ''यह ऐतिहासिक क्षण है कि अयोध्या में भी राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ है. सभी के सहयोग से भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा. लेना गांव में लंबे समय से ग्रामीणों का सपना पूरा होने जा रहा है. मंदिर निर्माण कर विधिवत भगवान राम जी की मूर्ति स्थापना का भव्य आयोजन भी होगा, जिसमें देश के जाने माने संत समाज के लोग शामिल होगें.''
उन्होंने कहा, ''महेश्वर जल विद्युत परियोजना के डूब में आने वाले लेपा गांव के लोग इस परियोजना की चपेट में आने से मिले मुआवजे की रकम इकट्ठा कर अयोध्या जैसे ही श्रीराम मंदिर का निर्माण करने वाले हैं. 10 साल पहले डूब में आ रहे 250 परिवारों के गांव से चार किलोमीटर दूर बसाया था. श्रीराम मंदिर भी डूब में आ गया था. तब से भगवान तो गांव में ही है, अब उनका पुनर्वास होगा.'' यादव ने बताया कि अब ग्रामीणों ने संकल्प के मुताबिक जनसहयोग से ग्रामीणों ने भगवान को गांव में विराजित करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा, ''लेपा गांव के राम मंदिर की डिजाइन भी अयोध्या के मंदिर की तरह ही बनवाई गई है. इसके निर्माण में करीब एक करोड़ रुपए खर्च प्रस्तावित है.'' यादव ने बताया कि जयपुर से भगवान श्रीराम दरबार की आकर्षक मूर्तियां यहां स्थापित होंगी. मंदिर का डिजिटल नक्शा तैयार किया गया है. इसका स्वरूप अयोध्या के मंदिर जैसा बनाया गया है. 50 गुना 80 वर्गफीट का परिसर रहेगा.
इसमें बगीचा, अतिथि कक्ष, खेल मैदान एवं बैठक कक्ष के अलावा नर्मदा परिक्रमा वासियों के ठहरने के लिए जगह होगी. उन्होंने कहा कि पुनर्वास स्थल पर मंदिर नहीं होने से रामनवमी, जन्माष्टमी आदि उत्सव मनाने ग्रामीण अब भी पुराने लेपा गांव जाते है एवं मंदिर से लौटते समय रास्ते में जंगली जानवरों का भय बना रहता है. अब पुनर्वास स्थल पर मंदिर निर्माण की खबर से ग्रामीणों में खुशी है। 4000 वर्गफीट में मंदिर का निर्माण होना है. जल्द मंदिर का ट्रस्ट भी बनेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं