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Astrologer Jai Madan ने बताया हाथ पर क‍ितने द‍िन बांधना चाह‍िए कलावा, फ‍िर इस न‍ियम से उतारें

Raksha Sutra Bandhne ke Niyam:  हिंदू धर्म में पूजा पाठ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है. इसे बांधने के कुछ नियम हैं जिन्हें जानना जरूरी है. नियमों का पालन नहीं करने पर कलावा से लाभ की जगह हानि होने का खतरा रहता है.

Astrologer Jai Madan ने बताया हाथ पर क‍ितने द‍िन बांधना चाह‍िए कलावा, फ‍िर इस न‍ियम से उतारें
Kalava bandhne ka mantra : कलावा कितने दिन तक बांधना चाहिए.

Raksha Sutra Bandhne ke Niyam:  हिंदू धर्म में पूजा पाठ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है. हर तरह के मांगलिक कार्य से पहले कलाई पर कलावा बांधा जाता है. कलावा को मौली या रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. भारतीय संस्कृति में यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है और पौराणिक कथाओं में भी इसका उल्लेख मिलता है. पौराणिक कथा में भगवान वामन के असुरों के दानवीर राजा बलि की अमरता के लिए उनकी कलाई पर कलावा बांधने का वर्णन किया गया है. हाल ही में एस्ट्रोलॉजर जय मदान (Astrologer Jai Madan) ने अपने इंस्टाग्राम पर कलावा बांधने के नियमों (Raksha Sutra Bandhne ke Niyam) के बारे में बताया है. आइए जानते हैं कितने दिन कलाई पर बांधना चाहिए कलावा (Raksha Sutra Kab Tak Bandhna Chahiye) और उसके बाद उसका क्या करना चाहिए.

कितने दिन बांधना चाहिए कलावा

पूजा या मांगलिक कार्य के बाद किसी भी दिन कलावा बांधा जा सकता है लेकिन इसे बांधने के 21 दिन बाद इसका सकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है. इसलिए 21 दिन बाद कलावा को कलाई से उतार देना चाहिए. ऐसा नहीं करने से आपके औरा पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है. कभी कभी लोग कलावा को महीनों तक बांधें रहते हैं और उसके ऊपर ही फिर से कलावा बंधवा लेते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि 21 दिन के बाद इसे उतारकर नया कलावा शुभ मुहूर्त में बांधना चाहिए

कलावा उतारने के बाद क्या करें

21 दिन बाद अपनी कलाई में बंधे कलावा को उतार दें और उसे अपने घर में किसी गमले की मिट्टी में दबा दें. कलावा कच्चे धागे का बना होता है और यह आसानी से प्रकृति में वापस मिल जाता है.

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किन्हें किस हाथ में पहनना चाहिए कलावा  

शास्त्रों के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं के दाएं हाथ में जबकि शादीशुदा महिलाओं को बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बंधवाना चाहिए. कलाई में रक्षा सूत्र बंधवाते समय मुट्ठी बंद रखें और बंद मुट्ठी में दक्षिणा जरूर रखें. यह दक्षिणा कलावा बांधने वाले को देना चाहिए. कलावा बंधवाते समय अपने दूसरे हाथ को सिर पर रखना चाहिए.

कलावा के रंग का प्रभाव

कच्चे धागे से तैयार किया जाने वाला कलावा कई रंगों का होता है और कलावा के अलग अलग रंग का प्रभाव भी अलग अलग होता है. लाल लाल और पीले रंग का कलावा का संबंध मंगल और बृहस्पति ग्रह से होता हैं और यह आपकी समृद्धि को बढ़ाने वाला होता है. पीले रंग का कलावा आपकी रक्षा और उन्नति में मदद करता है. अगर कलावा लाल और सफेद रंग का होता है तो उसका संबंध चंद्र और मंगल से होता है यह आपके लिए धन और उन्नति का लाता है और कलावा में हरा रंग होता है तो इससे आपकी बातचीत करने की कला बेहतर होती है.

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