Aaj Ka Panchang 10 May 2022: हिंदी पंचांग (Panchang Today) के अनुसार आज यानी 10 मई, वैशाख शुक्ल पक्ष (Vaishakh Shukla Paksha) की नवमी तिथि है. नवमी तिथि शाम 7 बजकर 24 मिनट तक है. इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी. सूर्योदय 5 बजकर 34 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 7 बजकर 02 मिनट है. मघा नक्षत्र (Magha Nakshatra) शाम 6 बजकर 40 मिनट तक है. इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र (Purva Phalguni Nakshatra) लग जाएगा. राहुकाल (Rahu Kaal) शाम 3 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक है. आज सीती नवमी (Sita Navami 2022) है. पंचांग (Aaj Ka Panchang) के मुताबिक जानते हैं 10 मई के शुभ-अशुभ मुहूर्त (10 May 2022 Panchang) और सीता नवमी पूजा विधि (Sita Navami Puja Vidhi) के बारे में.
10 मई अप्रैल 2022 का पंचांग, शुभ मुहूर्त (10 May 2022 Panchang Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:09 ए एम से 04:52 ए एम
- अभिजित मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:45 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त- 06:48 पी एम से 07:12 पी एम
- अमृत काल- 04:07 पी एम से 05:49 पी एम
- रवि योग- पूरे दिन
अशुभ समय (Ashubh Muhurat)
- राहु काल- दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
- दुर्मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक
- गुलिक काल- दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 01 बजकर 59 मिनट तक
- यमगंड- सुबह 08 बजकर 56 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang)
आज का योग- ध्रुव, शाम रात 8 बजकर 22 मिनट तक. उसके बाद व्याघात योग शुरू हो जाएगा.
आज का वार- मंगलवार
आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष
आज की तिथि- नवमी शाम 7 बजकर 24 मिनट तक है. उसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी.
सूर्योदय- 5 बजकर 34 मिनट पर
दिशा शूल- उत्तर
चंद्र वास- पूर्व
राहु वास- पश्चिम
ऋतु- ग्रीष्म
सीता नवमी पूजा विधि (Sita Navami Puja Vidhi 2022)
सीता नवमी की पूजा के लिए सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद पूजा स्थान को स्वच्छ किया जाता है. फिर किसी चौकी या लाल कपड़े पर सीता-राम की मूर्ति या राम दरबार की तस्वीर स्थापित की जाती है. इसके बाद माता सीता और भगवान राम की पूजा की जाती है. उन्हें जल और फूल अर्पित किया जाता है. इसके बाद फूल माला अर्पित की जाती है. मां सीता को सिंदूर और भगवान राम को लाल चंदन लगाया जाता है. इसके बाद भोग लगाकर घी का दीया या धूप जलाया जाता है. मां सीता का स्मरण करते हुए 'श्री सीतायै नमः' और 'श्री सीता-रामाय नम:' मंत्र का जाप किया जाता है. अंत में मां सीती और भगवान श्रीराम की आरती की जाती है. इसके बाद मां सीता और भगवान श्रीराम से अपनी मनोकामना करते हुए पूजन का समापन किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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