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प्रतीकात्मक चित्र
हिंदू पर्व अक्षय तृतीया को एक पावन पर्व माना जाता है. इस मौके पर लोग घर में नए सामान या सोने के आभूषण खरीदते हैं. वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस साल 28 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. आईए जानें इसके महत्वम और इससे जुड़ी मान्यनताओं के बारे में...
क्यों मनाते हैं
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व के दिन स्नान, होम, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है, इसलिए भारतीय संस्कृति में इसका बड़ा महत्व है. माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही पीतांबरा, नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के अवतार हुए हैं, इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है.
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क्यों खरीदते हैं सोना
मान्यताओं के अनुसार भारतीय काल गणना के सिद्धांत से अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई. इसीलिए इस तिथि को सर्वसिद्ध तिथि के रूप में मान्यता मिली हुई है. परंपरा के अनुसार इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से समृद्धि आती है.
नाम के पीछे का रहस्य
अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है. अक्षय यानी जो जिसका कभी क्षय न हो या जो कभी नष्ट न हो. वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है.
दान करने की परंपरा 
कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान जरूर करना चाहिए. भले ही आपके पास अधिक धन न हो, तो भी अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान करने से दान करने वाले व्यक्ति का आने वाला समय अच्छा होता है और उसे दुख दूर होते हैं.
क्यों मनाते हैं
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व के दिन स्नान, होम, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है, इसलिए भारतीय संस्कृति में इसका बड़ा महत्व है. माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही पीतांबरा, नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के अवतार हुए हैं, इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है.
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क्यों खरीदते हैं सोना
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नाम के पीछे का रहस्य
अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है. अक्षय यानी जो जिसका कभी क्षय न हो या जो कभी नष्ट न हो. वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है.
दान करने की परंपरा
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कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान जरूर करना चाहिए. भले ही आपके पास अधिक धन न हो, तो भी अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान करने से दान करने वाले व्यक्ति का आने वाला समय अच्छा होता है और उसे दुख दूर होते हैं.
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