
करगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के जिक्र को लेकर उभरे विवाद के बीच बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज शाम कहा कि उनके दिल में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके परिजनों को लेकर काफी सम्मान है।
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'करगिल शहीद विक्रम बत्रा और उनके परिजनों को लेकर मेरे दिल में बेदह सम्मान है। मैं शहीदों की गरिमा को चोट पहुंचाने की बजाए राजनीति छोड़ दूंगा।'
गौरतलब है कि इससे पहले नरेंद्र मोदी ने पालमपुर में आज सुबह एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, '"विक्रम बत्रा ने देश के लिए जान दी... उसने कहा था, ये दिल मांगे मोर... मैं भी यही कहता हूं... मैं हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें चाहता हूं... मैं देशभर में 300 कमल देखना चाहता हूं..."
नरेंद्र मोदी के इस नारे से कैप्टन विक्रम बत्रा के परिजन खुश नहीं हैं। शहीद कैप्टन के पिता जीएल बत्रा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी को उसका (कैप्टन विक्रम बत्रा का) नाम राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए..." (पढ़ें- मोदी के भाषण को लेकर क्यों उभरा विवाद)
गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च युद्ध सम्मान परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किए गए कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म पालमपुर में ही हुआ था, और वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद होने से पहले कैप्टन बत्रा ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान एक विज्ञापन की इस पंक्ति 'ये दिल मांगे मोर' का इस्तेमाल किया था।
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