कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहे नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुनावों के बाद कांग्रेस का सहयोग लेने पर साफ संकेत दिया है। मोदी ने कहा है कि मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं। यह बात मोदी ने अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कही है।
मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान तो हमले तेज होते ही हैं। हमारे रिश्ते इतने भी खराब नहीं हुए हैं। हमने यूपीए के 10 साल के दौरान फूड सिक्योरिटी बिल, भूमि अधिग्रहण बिल, लोकपाल बिल जैसे कई मुद्दों पर सरकार का साथ दिया है।
अर्थव्यवस्था को पहली प्राथमिकता देने की मंशा साफ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि फैसले लेने के मोर्चे पर निरंतरता में कमी न आ पाए, ऐसा कोई संदेश न दिए जाए, जिससे निवेशकों के हित पर बुरा असर पड़े।
एफडीआई पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि हमने मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई को लेकर आपत्ति जताई है, लेकिन हमारे मेनिफेस्टो में साफतौर पर कहा गया है कि हम सभी सेक्टर्स में एफडीआई का स्वागत करेंगे। साथ ही कहा कि हमें लगेगा कि एफडीआई से युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा। वहां हम इसे बढ़ावा देंगे।
साथ ही मोदी ने साफ किया कि इसमें कोई शक नहीं है कि नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था की बुरी हालत से निपटने की चुनौती होगी। मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर जो काम किए उनके लिए उन्हें निश्चिततौर पर श्रेय दूंगा। साथ ही मोदी ने कहा कि अगर उन्हें अधिकार और काम करने की स्वतंत्रता दी गई होती तो वह प्रधानमंत्री के रूप में भी अच्छा काम कर सकते थे।
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में मोदी ने कांग्रेस और यूपीए पर निशाना भी साधा। इन चुनावों में कांग्रेस की हार तो तय है ही, वह अब तक की सबसे कम सीटों पर सिमटने जा रही है। मोदी ने कहा है कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस किसी भी राज्य में 10 सीटों से ज्यादा न जीत पाए। साथ ही मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस 100 के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी और बीजेपी और एनडीए दोनों ही अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
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