पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में बुधवार को नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर ताना कसा, जिसके जवाब में ममता ने कहा है कि नरेंद्र मोदी अपनी पूंछ में आग लगाए घूमते हैं, जहां जाते हैं, आग लगाते हैं। दरअसल, मोदी ने कहा था कि दीदी की कुर्सी बंगाल के लोगों से बड़ी हो गई है।
मोदी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि घुसपैठ भारत पर आक्रमण है। मुझे कोर्ट के कहे को सम्मान देने में कोई हिचक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसे लागू किया जाना है। भाजपा के प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार ने कहा कि बांग्लादेश से आए शरणार्थियों का मामला अलग है और यह भारत के सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे इनका पुनर्वास करें। उन्होंने कहा, भारत में आने वाले दो तरह के लोग हैं। पहला घुसपैठिए और दूसरा शरणार्थी। जो लोग शरणार्थी हैं वे हमारा परिवार हैं। यह भारत सभी जिम्मेदारी है कि वे पूरे सम्मान के साथ उनका पुनर्वास करें।
मोदी ने दावा किया कि ‘अगस्त, 2005 में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बांग्लादेशियों घुसपैठियों को बाहर करने की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन पर अपनी शॉल फेंक दी थी। उन्होंने कहा, आपने (ममता) उस वक्त कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बंगाल को बर्बाद कर दिया और उन्हें वाम दल वोट की खातिर ला रहे हैं। मोदी जो आज कह रहा है वह आपने 2005 में कहा था। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि छह मई, 1997 में तत्कालीन गृहमंत्री इंद्रजीत गुप्त ने संसद में कहा था कि बांग्लादेश के एक करोड़ घुसपैठिए भारत में दाखिल हो गए हैं।
मोदी ने यहां एक चुनावी सभा में कहा, दीदी मुझसे नाराज हैं क्योंकि आपका प्रेम मेरे लिए बढ़ गया। वह मुझे दिन में 200 बार याद करती हैं। मैं नहीं जानता कि उन्होंने मेरे बारे में क्या कहा। परंतु दीदी आपका हर शब्द मेरे लिए आशीर्वाद है। अपनी कुर्सी बचाने के लिए क्या आप बंगाल के भविष्य को अंधेरे में डाल देंगी? उन्होंने कहा, हम आपका सम्मान किया करते थे। आपने वामपंथियों से अकेले लड़ाई लड़ी। हमें आप पर गर्व था, लेकिन तीन वर्षों में आप बदल गईं।
मोदी ने ममता की ओर से अपनी गिरफ्तारी की मांग किए जाने का हवाला देते हुए कहा, आप मुझे रस्सी से बांधना और जेल भेजना चाहती हैं। परंतु आपको रस्सी खरीदने के लिए निविदा जारी करने पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इतना बता दीजिए कि किस जेल में जाना है। मैं खुद चला जाऊंगा। मैं यहां हूं। जेल में मेरा पहला काम बांग्ला भाषा सीखना होगा।
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