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This Article is From Dec 24, 2016

अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल की आलोचना की, कहा - पार्टी के चंदे पर कथनी को करनी में बदलें

अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल की आलोचना की, कहा - पार्टी के चंदे पर कथनी को करनी में बदलें
अन्ना हजारे की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के विरोध में अभियान चलाने वाले अन्ना हजारे ने दानदाताओं की सूची सार्वजनिक करने का अपना वादा पूरा नहीं करने पर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की है. अन्ना हजारे ने ऐसे समय में 'आप' की आलोचना की है, जब 'आप' कांग्रेस और भाजपा से उनके धनस्रोत को लेकर सवाल कर रही है.

केजरीवाल को 23 दिसंबर को भेजे पत्र में अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर प्रहार किया और कहा कि यदि व्यवस्था में परिवर्तन लाना है तो नेतृत्व को कथनी एवं करनी में फर्क नहीं रखना चाहिए.

हजारे ने कहा, 'देश एवं समाज की बेहतरी के लिए मैंने महाराष्ट्र में लोगों से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों को एकतरफ रख दिया और बिना किसी स्वार्थ के आपको समय दिया और देश के लिए बड़ा सपना देखा, लेकिन मेरा सपना बिखर गया.' उन्होंने आप के निलंबित सदस्य अमेरिका में कार्यरत डॉक्टर मुनीष रायजादा के इस पत्र का हवाला दिया कि पार्टी के दानदाताओं के रिकार्ड जून, 2016 से उसकी वेबसाइट से गायब हो गए हैं. रायजादा ने शनिवार को राजघाट पर 'चंदा नहीं सत्याग्रह' भी शुरू किया.

उधर, 'आप' के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दावा किया कि अन्ना हजारे को इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता गुमराह कर रहे हैं और भाजपा उसके दानदाताओं को धमकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है.

केजरीवाल की ओर से चड्ढा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के दानदाताओं के मुद्दे पर पाक साफ होकर सामने आने तथा जंतर-मंतर पर इस पर बहस करने की चुनौती दी.

अन्ना हजारे ने कहा, 'आपने कई वादे किए, जिनमें 'आप' को मिलने चंदे को पार्टी की वेबसाइट पर डालना शामिल है.' उन्होंने कहा, 'सामाजिक बदलाव, जिसके पक्ष में हम थे, की चर्चा फीकी पड़ रही है और राजनीति एवं धन महत्वूपर्ण होते जा रहे हैं. विनम्रता की भावना भी जा रही है.' उन्होंने कहा, 'अन्यथा, आपने अपनी वेबसाइट से उन लोगों के नाम नहीं हटाए होते, जिन्होंने मुश्किल दौर में पार्टी को चंदा दिया.' हजारे ने पार्टी के कामकाज को लेकर भी नाखुशी प्रकट की. उन्होंने कहा कि अन्य दल लोगों से चंदे स्वार्थ के लिए लेते हैं, जबकि लोग आपको बदलाव लाने के लिए चंदा देते हैं.

उन्होंने कहा, 'आपने ग्राम स्वराज पर एक पुस्तक लिखी. जिस तरह चीजें हो रही हैं... क्या यह ग्राम स्वराज का मार्ग है? यह प्रश्न मेरे सामने खड़ा है. आपकी पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों के बीच क्या फर्क रह गया है?' उन्होंने कहा, 'आपने मुझसे और लोगों से बदलाव का वादा किया था. मुझे पीड़ा होती है, क्योंकि वादा पूरा नहीं किया गया. आपने मुझसे एवं लोगों से कई ऐसे वादे किए.'

वहीं राघव चड्ढा ने कहा कि 'आप' एकमात्र ऐसा दल है, जिसके धनस्रोत में पारदर्शिता है, उसके 92 फीसदी चंदे नेट बैकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, चेक जैसे बैकिंग मार्गों से आते हैं. उन्होंने दावा किया, 'मुनीष रायजदा जैसे कांग्रेस नेता अन्ना को गुमराह कर रहे हैं और भाजपा हमारे दानदाताओं को परेशान करने के लिए सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है. रायजदा कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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