प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे विशाल यादव की पेरोल की अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. विशाल ने तीन महीने की पेरोल के लिए याचिका दाखिल की थी. न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने दोषी विशाल को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया. विशाल ने अपनी याचिका में कहा था कि धन इकट्ठा करने के लिए उसे अपनी एक संपत्ति बेचनी है. साथ ही उसने 2014 में उच्च न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराए जाने के फैसले को चुनौती देने की भी इच्छा जाहिर की थी.
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हालांकि, अदालत ने कहा कि विशाल इस कार्य के लिए कस्टडी पेरोल का आग्रह कर सकता है. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त स्थायी वकील राजेश महाजन ने यह कहते हुए उसकी अर्जी का विरोध किया कि दोषी को पेरोल पर छोड़े जाने से पीड़ित की मां नीलम कटारा और इस मामले के एकमात्र गवाह की जान को खतरा हो सकता है. (इनपुट भाषा से)
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हालांकि, अदालत ने कहा कि विशाल इस कार्य के लिए कस्टडी पेरोल का आग्रह कर सकता है. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त स्थायी वकील राजेश महाजन ने यह कहते हुए उसकी अर्जी का विरोध किया कि दोषी को पेरोल पर छोड़े जाने से पीड़ित की मां नीलम कटारा और इस मामले के एकमात्र गवाह की जान को खतरा हो सकता है. (इनपुट भाषा से)
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