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This Article is From May 12, 2016

विश्वविद्यालय-कॉलेज अपना विस्तार करें, पैसे की कमी नहीं होने देंगे : मनीष सिसोदिया

विश्वविद्यालय-कॉलेज अपना विस्तार करें, पैसे की कमी नहीं होने देंगे : मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ वूमन की स्थापना दिवस पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1.5 लाख बच्चों को हम हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विस्तार से जुड़ी परियोजनाओं को सरकारी प्रक्रिया में नहीं उलझने देंगे।

डेढ़ लाख बच्चों को तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था नहीं
सिसोदिया ने कहा कि “दिल्ली में हर साल तकरीबन 2.5 लाख बच्चे 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, लेकिन पूरी ताकत लगाकर करीब एक लाख बच्चों को ही हम हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन में जगह दे पाते हैं। बाकी के 1.5 लाख बच्चों को हम कहां लेकर जाएं, यह एक बड़ा सवाल है और इसके लिए हमें अपने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में व्यापक विस्तार की जरूरत है।“

लंबी सरकारी प्रक्रिया विकास में बाधा
मनीष सिसोदिया ने यह बात इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ वूमन के तीसरे स्थापना दिवस के मौके पर कही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विकास का एक मॉडल है। उन्हें सरकार के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है। तमाम तरह की मंजूरी लेनी होती है और सरकारी व्यवस्था की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। इसलिए वे व्यापक विस्तार के बारे में नहीं सोच पाते।

शिक्षा विस्तार की परियोजनाएं अब नहीं उलझेंगी जटिल प्रकिया में  
सिसोदिया ने कहा कि जब ''मैं फैकल्टीज और शिक्षाविदों से इस बारे में बात करता हूं तो पता चलता है कि किस तरह उन्हें विश्वविद्यालयों की बिल्डिंग, फंड, कोर्सेस, पोस्ट क्रिएशन इत्यादि की मंजूरी के लिए सरकारी व्यवस्था में लंबे-लंबे समय तक जूझना पड़ता रहा है। इसलिए वे बहुत बड़े विस्तार की हिम्मत नहीं जुटा पाते। लेकिन अब यह दिक्कत नहीं आएगी। हम शिक्षा के लिए पैसे की कमी नहीं होने देंगे और विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विस्तार से जुड़ी परियोजनाओं को सरकारी प्रक्रिया में नहीं उलझने देंगे।''

उन्होंने यह भी कहा कि अब विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने विस्तार के बारे में प्लान तैयार करें तो यह सोचकर न करें कि किसी कोर्स में 20 स्टूडेंट के लिए जगह बढ़ा देनी है या फिर किसी नए कोर्स से 40 स्टूडेंट को हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन में मौका दे देना है, बल्कि दिल्ली की जरूरतों के हिसाब से प्लान तैयार करें। दिल्ली में मौजूदा वक्त में 1.5 लाख बच्चों को हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन के दायरे में लाने की जरूरत है।

किराए के भवनों और स्कूलों में विस्तारित हों संस्थान
उप-मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने विस्तार के लिए नए स्थान किराए पर ले लें। दिल्ली में कई मॉल खाली पड़े हैं। उनके फ्लोर किराए पर ले सकते हैं। प्राइवेट स्कूलों की बिल्डिंग सेकेंड शिफ्ट के लिए किराए पर ले सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर हम सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग दे देंगे जहां पर सेकेंड शिफ्ट में हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन दी जा सके।

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