दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
नई दिल्ली:
बिटकॉइन का क्रेज जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके नाम पर ठगी भी बढ़ती जा रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे ही गैंग को पकड़ा है जिसने बिटकॉइन में निवेश करवाने के नाम पर 5000 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये ठग लिए. भारत में बिटकॉइन पर पाबंदी है. पुलिस ने दीपक जांगड़ा और उसके साथी दीपक मल्होत्रा को बिटकॉइन ट्रेडिंग और बिटकॉइन माइनिंग पर आधारित मल्टीलेवल मार्केटिंग के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दोनों पहले नामी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों में काम कर चुके हैं. इनका ऑफिस दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में था. साइबर सेल के डीसीपी अनिमेश रॉय ने बताया, 'कई लोगों ने इन्वेस्ट किया, जब पेआउट देने की बारी आई तो इन्होंने कुछ लोगों को पेआउट दिया और धीरे-धीरे इनकी ये स्कीम पॉपुलर हो गयी. हमने जब जांच की तो पाया कि 5000 के करीब आईडी बनी हैं. इसका मतलब 5000 लोगों ने निवेश किया.
पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. नोटबंदी के बाद दिसंबर 2016 में इन लोगों ने bitmoinplus.org नाम से डोमेन रजिस्टर्ड कराया. उस पर मल्टीलेवल मार्केटिंग से जुड़ा हुआ एक सॉफ्टवेयर डाला जिसमें लोग अपनी आईडी बना सकते थे. उस पर बैलेंस देखने और एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट पर ट्रेडिंग की सुविधा भी थी. बिटकॉइन निवेश करने पर 12 प्रतिशत रिटर्न का लालच भी दिया गया. साथ में रेफरल इंसेंटिव और बाइनरी इंसेंटिव का लालच भी दिया गया.
देखते ही देखते 5000 से ज्यादा लोगों ने करीब 65 करोड़ की कीमत के 1230 बिटकॉइन का निवेश कर दिया. लेकिन बीते साल फर्जीवाड़े का पता तब चला जब लोगों के रिटर्न आने बंद हो गए.
VIDEO: बिटकॉइन के नाम पर ठगी
साइबर सेल के डीसीपी अनिमेश रॉय ने बताया कि सितंबर 2017 में इन्होंने बहाने देना शुरू कर दिया कि इनकी जो मूल कंपनी है अमेरिका में, वहां हैकिंग हो गयी है. इसलिए अब वो बिटकॉइन में व्यापार नहीं कर सकते. पुलिस के मुताबिक इन्होंने बाद में लोगों को फंसाये रखने के लिए बीएमपी नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी भी शुरू की, उसके 10 करोड़ टोकन तैयार करवाये लेकिन इसी साल फरवरी में लोगों के करीब 300 बिटकॉइन हड़पने के बाद गायब हो गए थे.
पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. नोटबंदी के बाद दिसंबर 2016 में इन लोगों ने bitmoinplus.org नाम से डोमेन रजिस्टर्ड कराया. उस पर मल्टीलेवल मार्केटिंग से जुड़ा हुआ एक सॉफ्टवेयर डाला जिसमें लोग अपनी आईडी बना सकते थे. उस पर बैलेंस देखने और एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट पर ट्रेडिंग की सुविधा भी थी. बिटकॉइन निवेश करने पर 12 प्रतिशत रिटर्न का लालच भी दिया गया. साथ में रेफरल इंसेंटिव और बाइनरी इंसेंटिव का लालच भी दिया गया.
देखते ही देखते 5000 से ज्यादा लोगों ने करीब 65 करोड़ की कीमत के 1230 बिटकॉइन का निवेश कर दिया. लेकिन बीते साल फर्जीवाड़े का पता तब चला जब लोगों के रिटर्न आने बंद हो गए.
VIDEO: बिटकॉइन के नाम पर ठगी
साइबर सेल के डीसीपी अनिमेश रॉय ने बताया कि सितंबर 2017 में इन्होंने बहाने देना शुरू कर दिया कि इनकी जो मूल कंपनी है अमेरिका में, वहां हैकिंग हो गयी है. इसलिए अब वो बिटकॉइन में व्यापार नहीं कर सकते. पुलिस के मुताबिक इन्होंने बाद में लोगों को फंसाये रखने के लिए बीएमपी नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी भी शुरू की, उसके 10 करोड़ टोकन तैयार करवाये लेकिन इसी साल फरवरी में लोगों के करीब 300 बिटकॉइन हड़पने के बाद गायब हो गए थे.
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