सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली का ऐतिहासिक तुगलकाबाद किला एक राष्ट्रीय धरोहर है और उसकी सुरक्षा करना अनिवार्य है। किले के परिसर में बने हजारों अवैध मकानों को हटाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से दिल्ली हाईकोर्ट में भेज दिया है।
निगरानी करे हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट इस मामले की निगरानी करे और सुनिश्चित करे कि किले की जमीन में हुए निर्माणों को हटाने के आदेश का पालन किया जाए। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 2011 में इलाके का सर्वे करने के आदेश दिए थे लेकिन ASI जवाब दाखिल नहीं कर पाया। उसकी दलील है कि इसके लिए उसे पुलिस की मदद नहीं मिल पाई। कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट सुनिश्चित करे कि पुलिस समेत सारे विभाग इस काम में सहयोग करे। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह किला एक ऐतिहासिक धरोहर है लेकिन विभाग उसे भी कब्जे से नहीं बचा पाए।
एक हजार बीघा क्षेत्र में अतिक्रमण
दरअसल करीब साढ़े 6 किलोमीटर के इस किला परिसर में ही हजारों घर बने हैं। 2001 में ASI यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कई दिनों तक तोड़फोड़ की थी लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। हालांकि हाईकोर्ट में सरकारी अफसरों की सांठगांठ का आरोप लगाकर सीबीआई जांच की मांग की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने कोई आदेश दिए बिना मामले का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम इलाके में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी। वैसे 2005 में हुए ASI के सर्वे के मुताबिक किला परिसर में एक हजार बीघा जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाए गए हैं। विभाग को यह किला 1995 में लेंड रिफार्म कमीशन ने दिया था और उसी वक्त की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 2661 बीघा जमीन में से 351 बीघा जमीन पर मकान बने हुए थे जो बाद में एक हजार बीघा से ज्यादा हो गए।
निगरानी करे हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट इस मामले की निगरानी करे और सुनिश्चित करे कि किले की जमीन में हुए निर्माणों को हटाने के आदेश का पालन किया जाए। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 2011 में इलाके का सर्वे करने के आदेश दिए थे लेकिन ASI जवाब दाखिल नहीं कर पाया। उसकी दलील है कि इसके लिए उसे पुलिस की मदद नहीं मिल पाई। कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट सुनिश्चित करे कि पुलिस समेत सारे विभाग इस काम में सहयोग करे। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह किला एक ऐतिहासिक धरोहर है लेकिन विभाग उसे भी कब्जे से नहीं बचा पाए।
एक हजार बीघा क्षेत्र में अतिक्रमण
दरअसल करीब साढ़े 6 किलोमीटर के इस किला परिसर में ही हजारों घर बने हैं। 2001 में ASI यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कई दिनों तक तोड़फोड़ की थी लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। हालांकि हाईकोर्ट में सरकारी अफसरों की सांठगांठ का आरोप लगाकर सीबीआई जांच की मांग की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने कोई आदेश दिए बिना मामले का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम इलाके में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी। वैसे 2005 में हुए ASI के सर्वे के मुताबिक किला परिसर में एक हजार बीघा जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाए गए हैं। विभाग को यह किला 1995 में लेंड रिफार्म कमीशन ने दिया था और उसी वक्त की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 2661 बीघा जमीन में से 351 बीघा जमीन पर मकान बने हुए थे जो बाद में एक हजार बीघा से ज्यादा हो गए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
सुप्रीम कोर्ट, तुगलकाबाद, धरोहर, एएसआई, दिल्ली हाई कोर्ट, किले में अतिक्रमण, अवैध मकान, Supreme Court, Tuglakabad, ASI, Delhi High Court, Encroachment In Tuglakabad Fort