प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
वक्फ की संपत्ति किराए पर लेकर व्यापार करने वालों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2013 को वापस लेने की मांग करते हुए रविवार को प्रदर्शन किया।
इस अधिनियम के तहत यदि वक्फ किसी से किराया वसूलना बंद कर देता है तो उस व्यक्ति को संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाला माना जाएगा और 2014 के नियमों में लीज की अवधि को कम करके 30 वर्ष कर दिया गया है।
किराएदारों के संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि वे लोग 80 वर्ष से ज्यादा समय से वक्फ संपत्तियों का प्रयोग कर रहे हैं और उन्होंने 60 रुपए से लेकर 80 लाख रुपए तक का दान भी दिया है। उन्होंने जोर दिया कि दान में दी गई इस राशि को संपत्तियों का प्रीमियम माना जाए।
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वक्फ संपत्तियों के किराएदारों ने यहां जंतर मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस अधिनियम के तहत यदि वक्फ किसी से किराया वसूलना बंद कर देता है तो उस व्यक्ति को संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाला माना जाएगा और 2014 के नियमों में लीज की अवधि को कम करके 30 वर्ष कर दिया गया है।
किराएदारों के संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि वे लोग 80 वर्ष से ज्यादा समय से वक्फ संपत्तियों का प्रयोग कर रहे हैं और उन्होंने 60 रुपए से लेकर 80 लाख रुपए तक का दान भी दिया है। उन्होंने जोर दिया कि दान में दी गई इस राशि को संपत्तियों का प्रीमियम माना जाए।
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वक्फ संपत्तियों के किराएदारों ने यहां जंतर मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया।
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