प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
जेएनयू विश्वविद्यालय की एक उच्च स्तरीय जांच समिति ने कहा है कि विश्वविद्यालय के विवादास्पद कार्यक्रम में ‘भारत को रगड़ा दो रगड़ा’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ समेत भड़काऊ नारे बाहरी लोगों के एक समूह ने लगाए थे और उन्होंने कपड़े (स्कार्फ) से अपने सिर और चेहरे ढके हुए थे।
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम की वीडियो फुटेज में कोई भी ‘‘भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी’’ के नारे लगाता नहीं दिख रहा है लेकिन इसमें दावा किया गया है कि प्रत्यक्षदर्शियों ने अपनी गवाही में ऐसे नारे लगाए जाने की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कार्यक्रम में ‘‘भारत के टुकड़े-टुकड़े कर दो’’ का विवादास्पद नारा लगाए जाने का कोई जिक्र नहीं है।
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय पैनल द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि छात्रों ने बाहरी लोगों को उपस्थित रहने और भड़काऊ नारे लगाने की अनुमति दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमति रद्द किए जाने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित करना ‘‘जानबूझकर अवज्ञा करने’’ के बराबर है। पैनल ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा इकाई की ओर से भी हुई चूक का जिक्र किया। उसने कहा कि उसने बाहर के लोगों को नारे लगाने से रोकने और उन्हें परिसर से जाने से रोकने का कोई प्रयास नहीं किए।
समिति ने कहा कि हालांकि जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार देर से परिसर में पहुंचे थे लेकिन उन्होंने अनुमति रद्द किए जाने के अधिकारियों के निर्णय पर आपत्ति जताई थी। कन्हैया को कार्यक्रम के संबंध में देशद्रोह का आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य आयोजकों में से एक के रूप में चिह्नित किए गए उमर खालिद ने अधिकारियों से कहा था कि वे कार्यक्रम आयोजित करेंगे और ‘‘सुरक्षा इकाई जो चाहे, वह कर सकती है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा कर्मियों ने बाहरी लोगों के समूह की मौजूदगी देखी थी और कई अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बात की पुष्टि की है। बाहरी लोगों के इस समूह ने अधिकतर समय कपड़े (स्कार्फ) से अपने सिर और चेहरे ढक रखे थे।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘लोगों के इस समूह ने ‘कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी, जंग रहेगी’, ‘भारत को रगड़ा दो रगड़ा.. जोर से रगड़ा’, ‘गो इंडिया गो बैक’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो में एक छात्र को भी नारेबाजी करते देखा गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘आयोजकों ने कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के प्रशासन के आदेश की अवहेलना की। यह जानबूझकर अवज्ञा करने के बराबर है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयोजकों ने बाहरी लोगों के समूह को कार्यक्रम में हावी होने की अनुमति दी जिन्होंने भड़काऊ नारेबाजी करके माहौल गर्म कर दिया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बाहरी लोगों के इस कृत्य ने पूरे जेएनयू समुदाय को बदनाम किया है।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम की वीडियो फुटेज में कोई भी ‘‘भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी’’ के नारे लगाता नहीं दिख रहा है लेकिन इसमें दावा किया गया है कि प्रत्यक्षदर्शियों ने अपनी गवाही में ऐसे नारे लगाए जाने की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कार्यक्रम में ‘‘भारत के टुकड़े-टुकड़े कर दो’’ का विवादास्पद नारा लगाए जाने का कोई जिक्र नहीं है।
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय पैनल द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि छात्रों ने बाहरी लोगों को उपस्थित रहने और भड़काऊ नारे लगाने की अनुमति दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमति रद्द किए जाने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित करना ‘‘जानबूझकर अवज्ञा करने’’ के बराबर है। पैनल ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा इकाई की ओर से भी हुई चूक का जिक्र किया। उसने कहा कि उसने बाहर के लोगों को नारे लगाने से रोकने और उन्हें परिसर से जाने से रोकने का कोई प्रयास नहीं किए।
समिति ने कहा कि हालांकि जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार देर से परिसर में पहुंचे थे लेकिन उन्होंने अनुमति रद्द किए जाने के अधिकारियों के निर्णय पर आपत्ति जताई थी। कन्हैया को कार्यक्रम के संबंध में देशद्रोह का आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य आयोजकों में से एक के रूप में चिह्नित किए गए उमर खालिद ने अधिकारियों से कहा था कि वे कार्यक्रम आयोजित करेंगे और ‘‘सुरक्षा इकाई जो चाहे, वह कर सकती है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा कर्मियों ने बाहरी लोगों के समूह की मौजूदगी देखी थी और कई अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बात की पुष्टि की है। बाहरी लोगों के इस समूह ने अधिकतर समय कपड़े (स्कार्फ) से अपने सिर और चेहरे ढक रखे थे।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘लोगों के इस समूह ने ‘कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी, जंग रहेगी’, ‘भारत को रगड़ा दो रगड़ा.. जोर से रगड़ा’, ‘गो इंडिया गो बैक’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो में एक छात्र को भी नारेबाजी करते देखा गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘आयोजकों ने कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के प्रशासन के आदेश की अवहेलना की। यह जानबूझकर अवज्ञा करने के बराबर है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयोजकों ने बाहरी लोगों के समूह को कार्यक्रम में हावी होने की अनुमति दी जिन्होंने भड़काऊ नारेबाजी करके माहौल गर्म कर दिया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बाहरी लोगों के इस कृत्य ने पूरे जेएनयू समुदाय को बदनाम किया है।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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