
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब छात्र शैक्षणिक सत्र 2025-26 से सभी कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करते नज़र आएंगे. शिक्षा निदेशालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत सभी सरकारी स्कूल प्रमुखों को अपनी प्रत्येक कक्षा में कम से कम एक सेक्शन को अंग्रेजी माध्यम के रूप में संचालित करना अनिवार्य होगा. यह नई व्यवस्था आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी. क्षेत्रीय भाषाओं को छोड़कर, अन्य सभी विषय अंग्रेजी में पढ़ाए जाएंगे. इस अंग्रेजी माध्यम सेक्शन में छात्रों का दाखिला उनकी इच्छा और योग्यता के आधार पर किया जाएगा.
क्यों लिया गया यह फैसला?
अभी तक केवल सर्वोदय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं चलती रही हैं. हालांकि निदेशालय का मानना है कि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन होना अत्यंत आवश्यक है. इसी आवश्यकता को देखते हुए स्कूल प्रमुखों को यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
क्या होंगी सुविधाएं?
शिक्षा निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल इस अंग्रेजी माध्यम सेक्शन के लिए पर्याप्त शिक्षण अधिगम सामग्री (Teaching-Learning Material) अंग्रेजी में उपलब्ध कराएंगे. निदेशालय ने सभी जिला और क्षेत्रीय अधिकारियों से इस व्यवस्था के कार्यान्वयन की निगरानी करने और आवश्यकता पड़ने पर स्कूलों को हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है.
पुराने निर्देशों का हवाला
निदेशालय ने अपने इस निर्णय के पीछे वर्ष 2014 और 2018 में दिए गए पुराने निर्देशों का भी हवाला दिया है. वर्ष 2014 में, सभी स्कूल प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि सत्र 2014-15 से कक्षा पांचवीं में अंग्रेजी माध्यम का कम से कम एक सेक्शन शुरू किया जाए. साथ ही, इस अंग्रेजी माध्यम वाले सेक्शन में सामाजिक विज्ञान का शिक्षण माध्यम अंग्रेजी होगा. इन निर्देशों के बाद निदेशालय ने पाया कि कुछ सरकारी स्कूलों में कक्षा छठी के लिए कोई अंग्रेजी माध्यम सेक्शन नहीं था. इसके परिणामस्वरूप, वर्ष 2018 में निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया कि सत्र 2018-19 से कक्षा छठी के लिए कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन उपलब्ध हो, और उस सेक्शन में सामाजिक विज्ञान की शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी हो. उस समय यह भी कहा गया था कि अंग्रेजी माध्यम सेक्शन को चरणबद्ध तरीके से अन्य कक्षाओं में भी लागू किया जाएगा. यह नया निर्देश इसी चरणबद्ध तरीके से लागू करने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को व्यापक बनाना है.
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