
नई दिल्ली:
रिटायर्ड सूबेदार एस सिंह कारगिल की लड़ाई में द्रास सेक्टर में तैनात थे, दुश्मनों पर जम कर गोलियां चलाई थीं. वो लड़ाई तो इन्होंने जीत ली थी, पर पिछले दो दिन से उत्तम नगर से आकर पटेल चौक के पंजाब नेशनल बैंक के सामने टोकन पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
महीना शुरू हो गया है, घर के खर्च चलाने के लिए कैश नहीं है. फरीदाबाद के एस के शर्मा दूरदर्शन से रिटायर्ड हैं. पेंशन निकालने के लिए टोकन तो मिल गया है पर टोकन 6 दिन बाद का है. पत्नी का देहांत हो गया है, तीनों बेटियां अपने ससुराल में हैं, अकेले रहते हैं, खाना भी खुद ही बना लेते हैं. पर अब सब्ज़ी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. एटीएम में भी उम्र के कारण घंटों क़तार में खड़े रहना मुश्किल है.
महीना शुरू होने के बाद नौकरी करने वालों को अपनी सैलरी निकालने में खासी दिक्कत हो रही है पर पेंशन लेने वाले बुज़ुर्गों की हालत और भी ख़राब है. हम शायद एक बार घंटों एटीएम पर पैसे निकलने के लिए क़तार में खड़े रह भी सकते हैं पर 60 की उम्र पार कर चुके इन बुज़ुर्गों के लिए कतार में खड़े रहना थोड़ा मुश्किल है. और वैसे भी एटीएम में पैसे नहीं ही रहते हैं.
बैंक वालों की तरफ से दिए जाने वाले ये टोकन इन बुज़ुर्ग पेंशनरों के लिए नई दवाई है जिसे ये इन बुज़ुर्गों को ये कह कर खिला देते हैं कि "सर कैश कम है, आप कहां लाइन में खड़े रहेंगे, टोकन ले लीजिये 6 दिन बाद आ जायेगा.'
महीना शुरू हो गया है, घर के खर्च चलाने के लिए कैश नहीं है. फरीदाबाद के एस के शर्मा दूरदर्शन से रिटायर्ड हैं. पेंशन निकालने के लिए टोकन तो मिल गया है पर टोकन 6 दिन बाद का है. पत्नी का देहांत हो गया है, तीनों बेटियां अपने ससुराल में हैं, अकेले रहते हैं, खाना भी खुद ही बना लेते हैं. पर अब सब्ज़ी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. एटीएम में भी उम्र के कारण घंटों क़तार में खड़े रहना मुश्किल है.
महीना शुरू होने के बाद नौकरी करने वालों को अपनी सैलरी निकालने में खासी दिक्कत हो रही है पर पेंशन लेने वाले बुज़ुर्गों की हालत और भी ख़राब है. हम शायद एक बार घंटों एटीएम पर पैसे निकलने के लिए क़तार में खड़े रह भी सकते हैं पर 60 की उम्र पार कर चुके इन बुज़ुर्गों के लिए कतार में खड़े रहना थोड़ा मुश्किल है. और वैसे भी एटीएम में पैसे नहीं ही रहते हैं.
बैंक वालों की तरफ से दिए जाने वाले ये टोकन इन बुज़ुर्ग पेंशनरों के लिए नई दवाई है जिसे ये इन बुज़ुर्गों को ये कह कर खिला देते हैं कि "सर कैश कम है, आप कहां लाइन में खड़े रहेंगे, टोकन ले लीजिये 6 दिन बाद आ जायेगा.'
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