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मरीजों को देता था मुफ्त इलाज का झांसा... CM ऑफिस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने जिस शातिर ठग आरोपी सोनू (27 वर्ष) को गिरफ्तार किया है, वो मूल रूप से झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है. 1999 में पिता की मौत के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी. पांच साल नगर पालिका बहादुरगढ़ में माली और चौकीदार के रूप में काम किया.

मरीजों को देता था मुफ्त इलाज का झांसा... CM ऑफिस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार
गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज का झांसा देकर करता था ठगी
  • दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर गरीब मरीजों से ठगी करने वाले आरोपी सोनू को गिरफ्तार किया है
  • आरोपी सोनू ने फर्जी लेटर पैड पर मुफ्त इलाज के आदेश देने वाले पत्र तैयार कर मरीजों से पांच हजार रुपये लिए
  • मामला तब उजागर हुआ जब महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने संदिग्ध पत्र की सत्यता मुख्यमंत्री कार्यालय से पूछी थी
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नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर फर्जी लेटर बनाकर गरीब मरीजों से ठगी कर रहा था. आरोपी खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताता था और फर्जी लेटर पैड पर अस्पतालों को “ईडब्ल्यूएस कोटे” में मुफ्त इलाज का निर्देश देने वाले पत्र तैयार करता था. मामला तब सामने आया जब महाराजा अग्रसेन अस्पताल, दिल्ली ने मुख्यमंत्री कार्यालय को एक मेल भेजकर एक संदिग्ध पत्र की सत्यता पूछी. उस पत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी अनिल अग्रवाल के नाम से मरीज श्याम शंकर के इलाज के लिए आदेश लिखा गया था.

अस्पताल को इस पत्र में कई गल्तियां जैसे वर्तनी की भूल, अलग-अलग फॉन्ट और गलत अलाइनमेंट देखकर शक हुआ. जब अस्पताल ने मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी पुष्टि मांगी, तो पता चला कि ऐसा कोई पत्र जारी ही नहीं हुआ था. इसके बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी (OSD) श्री एस.सी. वशिष्ठा की शिकायत पर सिविल लाइंस थाना में मामला दर्ज किया गया.

जांच के दौरान पुलिस ने मरीज श्याम शंकर और उसकी पत्नी से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि यह लेटर उन्हें सोनू नाम के व्यक्ति ने दिया था. मोबाइल नंबर की जांच करने पर पता चला कि यह नंबर झज्जर (हरियाणा) के पते पर रजिस्टर्ड है और आरोपी की लोकेशन करोल बाग, दिल्ली में मिल रही है. 29 अक्टूबर को पुलिस टीम ने करोल बाग स्थित एमसीडी दफ्तर में छापा मारा, जहां सोनू माली के तौर पर काम करता था. हालांकि, वह मौके से फरार हो गया, लेकिन उसका बैग और मोटरसाइकिल बरामद हो गई. बैग की तलाशी में मुख्यमंत्री कार्यालय के फर्जी लेटर, एक नकली एमसीडी आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले. अगले दिन 30 अक्टूबर को तकनीकी निगरानी के ज़रिए पुलिस ने सोनू को टैगोर गार्डन के डबल स्टोरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया.

सोनू ने पूछताछ में बताया कि वह एमसीडी, करोल बाग ज़ोन में कांट्रैक्ट पर माली के तौर पर काम करता है. कुछ महीने पहले उसे एमसीडी ऑफिस में एक असली 'मुख्यमंत्री कार्यालय' का पत्र मिला, जिसे उसने चुरा लिया और उसी के आधार पर नकली लेटर पैड तैयार कर लिए. वह ऐसे गरीब मरीजों को निशाना बनाता था जो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने में असमर्थ थे. वह उन्हें भरोसा दिलाता कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मुफ्त इलाज का पत्र दिला देगा. इसके बदले वह ₹5000 लेता था. इतना ही नहीं, वह खुद को बलबीर सिंह राठी सीएम ऑफिस अधिकारी बताकर अस्पतालों में फोन करता था और गूगल से नंबर निकालकर उन्हें मुफ्त इलाज करने का निर्देश देता था.

आरोपी का प्रोफाइल

आरोपी सोनू (27 वर्ष) पुत्र आज़ाद, मूल रूप से झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है. 1999 में पिता की मौत के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी. पांच साल नगर पालिका बहादुरगढ़ में माली और चौकीदार के रूप में काम किया. 2023 में दिल्ली आकर एमसीडी करोल बाग ज़ोन में कांट्रैक्ट पर नौकरी करने लगा. वह शादीशुदा है और उसका एक बेटा है. पुलिस ने बताया कि आरोपी बेहद चालाकी से गरीब और ज़रूरतमंद लोगों का शिकार बनाता था. वह सरकारी व्यवस्था और मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम का दुरुपयोग कर लोगों का भरोसा जीत लेता था. वर्तमान में आरोपी से आगे की पूछताछ जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि कहीं और भी ऐसे फर्जी पत्रों का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है.

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