जेएनयू देशद्रोह के मामले में केस चलाने के चार्जशीट को दिल्ली सरकार ने अब तक अनुमति नहीं दी है. सरकार को मंगलवार तक अनुमति देनी थी. मगर अब कोर्ट ने साफ कह दिया है कि अगर दिल्ली पुलिस के पास सबूत और वीडियो हैं, तो सरकार से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी हम कार्रवाई करेंगे. दरअसल, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 28 फरवरी को अनुमति लेकर आने को कहा था.
दरअसल, जेएनयू मामले में आरोपियों पर देशद्रोह का केस चलाने के लिए अब तक दिल्ली सरकार से अनुमति नहीं मिली है. जिस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली सरकार के होम डिपार्टमेंट के पास फाइल अटकी है. वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि उसे इस मामले में कोई जानकरी नहीं है. सरकार को अपने विवेक से तय करना है कि अनुमति दे या न दे. इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि कन्हैया के खिलाफ क्या सबूत हैं.
इस पर पुलिस ने कहा कि वीडियो और फोरेंसिक सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि कन्हैया न सिर्फ मौके पर मौजूद रहे, बल्कि देशविरोधी नारे लगाने वालों का समर्थन किया और उन्हें नहीं रोका. इस पर पर कोर्ट ने कहा कि हम वीडियो देखेंगे. सरकार परमिशन न भी दे तब भी हम वीडियो देखकर कार्रवाई करेंगे. अब 11 मार्च तक कोर्ट वीडियो देखकर आगे की कार्रवाई करेगा.
दरअसल, देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अनुमति लेनी होती है और यह दिल्ली सरकार का लॉ डिपार्टमेंट देता है. इतना ही नहीं, अनुमति लेने के लिए फाइल एलजी के पास भी जाती है. अगर परमिशन नहीं मिली तो चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान नहीं लेगा. बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिस दिन चार्जशीट पेश की उसी दिन परमिशन के लिए अप्लाई किया था.
VIDEO- JNU चार्जशीट केस पर दिल्ली सरकार को कोर्ट की फटकार
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