
जामिया में एडमिशन के लिए पेरेंट्स को अपने बच्चे के आचरण और चरित्र की अंडरटेकिंग देने की खबरों के बीच फिर से जामिया सुर्खियों में है, हालांकि जामिया की तरफ से इस बात को नकार दिया गया है. जामिया की सीपीआरओ साइमा सईद ने NDTV से कहा कि "इस तरह की कोई भी बात नहीं है, अभी बच्चों के एडमिशन ही नहीं हुए हैं तो पेरेंट्स की अंडरटेकिंग कैसे ले सकते हैं और जो भी न्यू एडमिशन के लिए ये फॉर्म भरे गए हैं, उसमें किसी तरह का कोई ये अंडरटेकिंग का फॉर्म नहीं भरा गया है. वहीं एक 2024 में डमी फॉर्म इंटरनल परपस के लिए वेबसाइट पर जरूर था, जिसको बेस बनाकर ये अफवाह उड़ाई जा रही है जबकि डमी फॉर्म का कोई इससे लिंक तक नहीं था. साइमा ने आगे बताया कि एंटी रैगिंग डिक्लेरेशन फॉर्म जरूर साइन होता है, जो हर यूनिवर्सिटी में होता है तो अभी जब एक भी सीट, एक भी एडमिशन नहीं हुआ तो कैसे डिक्लेरेशन फॉर्म भरवा सकते हैं. फॉर्म सिर्फ दो ही होते हैं एक एडमिशन फॉर्म और दूसरा एंटी रैगिंग फॉर्म.
छात्रों और परिजन ने बताई सच्चाई
वहीं हमने जब पेरेंट्स और छात्रों से असलियत जानी की क्या सच में फॉर्म भरते हुए कोई अंडरटेकिंग मांगी गई तो उन्होंने अपना फॉर्म दिखाया और कहा कि कुछ भी इस तरह का अंडरटेकिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ एंटरेंस एक्जाम के फार्म दिए गए. फार्म में बस नाम, पिता का नाम, इनकम, राष्ट्रीयता, कश्मीर से बिलोंग करते हैं आदि था जो कि नॉर्मल है. अभी इस तरह का कोई फॉर्म नहीं भरा गया है.
कैसे होता है जामिया में एडमिशन
वहीं जामिया में सीनियर प्रोफेसर मजीद जमील ने बताया कि जामिया में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस टेस्ट होता है, जिसके बाद मेरिट पर एडमिशन होता है. जामिया में हर साल तकरीबन 1.5 लाख छात्र अप्लाई करते हैं, जिसमें तकरीबन 8000 सीटों पर ही एडमिशन मिल पाता है. जामिया में काफी टफ कॉम्पिटिशन है, जिसमें मेरिट पर ही एडमिशन मिल पाता है. वहीं पैरेंट्स की अंडरटेंकिग की खबरों को उन्होंने भी नकार दिया. उन्होंने कहा कि जिस वक्त जामिया एडमिशन के लिए छात्रों को बुलाता है तो उस वक्त बस एक अंडरटेकिंग ली जाती है. वो भी सिर्फ एंटी रैगिंग के लिए, जो कि UGC के जरिए भी है. इसके सिवा कोई अंडरटेकिंग नहीं मांगी जाती है.
जामिया के अंदर प्रोटेस्ट करने की नहीं है इजाज़त
वहीं जामिया में कुछ साल पहले ही एक रूल बनाया गया था जिसमें कोई भी छात्र जामिया परिसर में प्रोटेस्ट नहीं कर सकता, जिससे छात्र नाराज़ भी हैं. छात्रों का कहना है कि अगर हम प्रशासन से कुछ बात कहना चाहते हैं. वो भी शांतिपुर्ण तरीके से तो क्यों हमें रोका जाता है. ये सही नहीं है. वहीं फरवरी में जामिया में हुए प्रदर्शन के बाद कई छात्रों को सस्पेंड तक कर दिया गया था, जिसका विरोध छात्र करते रह रहे हैं. वहीं जामिया में अभी एंट्रेंस एग्जाम चल रहे हैं, जिसके बाद उनका रिजल्ट आएगा और जो छात्र सलेक्ट होंगे वो जामिया में एडमिशन ले पाएंगे, जिसमें उन्हें एंटी रैगिंग के लिए अंडरटेकिंग देनी होती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं