केजरीवाल पर छत्रसाल स्टेडियम में स्याही फेंकी गई थी
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के ऊपर स्याही फेंकने के मामले में आरोपी महिला भावना को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। भावना की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद उसकी जमानत अर्जी पर दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सुनवाई हुई। जांच एजेंसी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुनील कुमार से कहा कि उन्हें भावना अरोड़ा से हिरासत में और पूछताछ की जरूरत नहीं है, जिसके बाद जज ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पॉपुलर होने के लिए स्याही फेंकी
अदालत में दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि भावना को कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। अगर आज CM पर स्याही फेंक रही हैं तो कल PM और राष्ट्रपति पर फेंकेगी। यह विरोध करने का तरीका नहीं कि स्याही फेंक दी। यह पब्लिसिटी स्टंट था। इनको यह जानकारी थी कि यहां स्याही फेंक दी, तो देश में पॉपुलर हो जाएंगी।
पुलिस ने कहा, इस तरह के काम नियमित प्रक्रिया हो गए हैं। यह उन्हें सबक सिखाने का समय है, जो लोकप्रियता बटोरने के लिए इस तरह का रास्ता अपनाते हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि मुख्यमंत्री पर हमला, 'लोकतंत्र पर हमला' है और महिला को जेल भेजा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी हरकतों में लिप्त लोग इससे सबक लें। पुलिस ने कहा, यह सरकारी कार्यक्रम था और हमला रैली के दौरान किया गया। मुख्यमंत्री पर स्याही फेंकी गई। यह एसिड सहित कुछ भी हो सकता था।
भावना के वकील का तर्क
भावना के वकील ने दलील दी कि मंत्री से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन शिकायत नहीं सुनी गई। कस्टडी तभी होनी चाहिए जब कोई पहले से मामला दर्ज हो। पहले से सामाजिक कार्यकर्ता रही है, उसकी छवि अच्छी है। यह कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं है। जब विक्टिम खुद खंभे पर चढ़कर तार काटते हैं तो हम स्याही क्यों नहीं फेंक सकते। विक्टिम ने पब्लिक में आरोपी को माफी दे दी है, जबकि कोर्ट में न्यायिक हिरासत मांग रहे हैं, तो क्या यह डबल स्टैंडर्ड नहीं है।
(इनपुट भाषा से)
पॉपुलर होने के लिए स्याही फेंकी
अदालत में दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि भावना को कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। अगर आज CM पर स्याही फेंक रही हैं तो कल PM और राष्ट्रपति पर फेंकेगी। यह विरोध करने का तरीका नहीं कि स्याही फेंक दी। यह पब्लिसिटी स्टंट था। इनको यह जानकारी थी कि यहां स्याही फेंक दी, तो देश में पॉपुलर हो जाएंगी।
पुलिस ने कहा, इस तरह के काम नियमित प्रक्रिया हो गए हैं। यह उन्हें सबक सिखाने का समय है, जो लोकप्रियता बटोरने के लिए इस तरह का रास्ता अपनाते हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि मुख्यमंत्री पर हमला, 'लोकतंत्र पर हमला' है और महिला को जेल भेजा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी हरकतों में लिप्त लोग इससे सबक लें। पुलिस ने कहा, यह सरकारी कार्यक्रम था और हमला रैली के दौरान किया गया। मुख्यमंत्री पर स्याही फेंकी गई। यह एसिड सहित कुछ भी हो सकता था।
भावना के वकील का तर्क
भावना के वकील ने दलील दी कि मंत्री से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन शिकायत नहीं सुनी गई। कस्टडी तभी होनी चाहिए जब कोई पहले से मामला दर्ज हो। पहले से सामाजिक कार्यकर्ता रही है, उसकी छवि अच्छी है। यह कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं है। जब विक्टिम खुद खंभे पर चढ़कर तार काटते हैं तो हम स्याही क्यों नहीं फेंक सकते। विक्टिम ने पब्लिक में आरोपी को माफी दे दी है, जबकि कोर्ट में न्यायिक हिरासत मांग रहे हैं, तो क्या यह डबल स्टैंडर्ड नहीं है।
(इनपुट भाषा से)
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