विजेंद्र गुप्ता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीजेपी नेता और दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि क्योंकि उन्होंने 31 मई को दिल्ली सरकार की एप्प बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस में भ्रष्टाचार की शिकायत की जिसकी सज़ा अब उन्हें केजरीवाल सरकार दे रही है
विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक़ 'नेता विपक्ष के नाते मुझे मिला सारा स्टाफ हटाया गया जो कि सालों से नेता विपक्ष कार्यालय में कार्यरत था। इस स्टाफ में पीए, पीएस, अटेंडेंट जैसे सभी कर्मचारी अचानक हटा दिए गए'।
नेता विपक्ष को केजरीवाल सरकार प्रताड़ित कर रही है : उपाध्याय
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि हमारे नेता विपक्ष को केजरीवाल सरकार प्रताड़ित कर रही है। उनके दफ्तर में मौजूद 7 स्टाफ को हटा दिया गया।विजेन्द्र गुप्ता नरेला काम से गये थे उस समय उनके ड्राइवर को सचिवालय से फोन करके बुला लिया गया। सरकार ये सब इसलिए कर रही है क्योंकि विजेन्द्र गुप्ता और बीजीपी नेताओं ने प्रीमियम बसों और घोटाले का मुद्दा उठाया था।
मुझे डराया जा रहा है : विजेन्द्र गुप्ता
नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि पिछले दो दिन से मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है पिछले दो दिन से क्योंकी मैंने ACB में शिकायत की थी प्रीमियम बसों के मामले में और जांच शुरू हो गई। ये प्रताड़ना खुद सीएम और उनके सेक्रेटरी राजेन्द्र कुमार कर रहे हैं। मैंने कल सीएम को 4 बार फोन किया और पूछा कि आखिर क्यों हो रहा है मेरे साथ। लेकिन बात नही हुई। मैं मानसिक तौर पर परेशान हूं। मैं रातभर सो नही सका। हम राजनाथ जी से मिलकर पूरे मामले की शिकायत करेंगे। जो स्टाफ हटाया गया वो हमेशा रहता है उस समय भी जब विधानसभा भंग थी। मुझे डराया जा रहा है।
रुटीन ट्रांसफर हुआ
जबकि दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि 'विजेंद्र गुप्ता के यहाँ से कोई स्टाफ नहीं हटाया गया ये केवल रूटीन ट्रान्सफर पोस्टिंग है।' विजेंद्र गुप्ता और केजरीवाल सरकार के दावों में सबसे अहम् दो बातें हैं। पहली कि अचानक नेता विपक्ष का सारा स्टाफ़ हटा दिया और दूसरी कि ये उस समय हुआ जब दो दिन पहले ही विजेंद्र गुप्ता ने एंटी करप्शन में केजरीवाल सरकार की इस स्कीम की शिकायत की है।
दिल्ली सरकार का बयान
दिल्ली सरकार सूत्र बता रहे हैं कि नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता को कुल 16 लोगों का स्टाफ मिला था। जिसमें से 9 लोग को-टर्मिनस स्टाफ के तौर पर थे और इनको नहीं हटाया गया है। जबकि 7 लोग अलग-अलग विभागों जैसे एक्साइज, शिक्षा, शहरी विकास मंत्रालय से डाइवर्ट करके विजेंद्र गुप्ता को दिए गए थे, इनको इनके विभाग में भेज दिया गया यानी हटाया गया है।
नेता विपक्ष ने नई गाड़ी भी मांगी थी क्योंकि उनको मिली इनोवा कार 2009 की है जो करीब डेढ़ लाख किलोमीटर चल चुकी है। इस मांग पर सरकार अभी विचार कर रही है।
आम आदमी पार्टी का बयान
आम आदमी पार्टी की दिल्ली यूनिट के संयोजक दिलीप पाण्डेय ने कहा कि "ये बड़ा शर्मनाक है कि आज विजेंद्र गुप्ता नेता विपक्ष उसी शख्स के कारण बने हुए हैं जिसपर वो आरोप लगा रहे हैं। विजेंद्र गुप्ता जैसे कद के नेता को गलत जानकारी या गलत बयानी करना शोभा नहीं देता। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि नेता प्रति पक्ष के पास 15 लोगों का स्टाफ हुआ करता था जिसमें से 7 बाहर के विभागों से डेपुटेशन पर थे, उन विभागों ने उनको वापस बुला लिया है और 8 लोगों का स्टाफ अभी भी नेता प्रति पक्ष के साथ लगा हुआ है।'
विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक़ 'नेता विपक्ष के नाते मुझे मिला सारा स्टाफ हटाया गया जो कि सालों से नेता विपक्ष कार्यालय में कार्यरत था। इस स्टाफ में पीए, पीएस, अटेंडेंट जैसे सभी कर्मचारी अचानक हटा दिए गए'।
नेता विपक्ष को केजरीवाल सरकार प्रताड़ित कर रही है : उपाध्याय
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि हमारे नेता विपक्ष को केजरीवाल सरकार प्रताड़ित कर रही है। उनके दफ्तर में मौजूद 7 स्टाफ को हटा दिया गया।विजेन्द्र गुप्ता नरेला काम से गये थे उस समय उनके ड्राइवर को सचिवालय से फोन करके बुला लिया गया। सरकार ये सब इसलिए कर रही है क्योंकि विजेन्द्र गुप्ता और बीजीपी नेताओं ने प्रीमियम बसों और घोटाले का मुद्दा उठाया था।
मुझे डराया जा रहा है : विजेन्द्र गुप्ता
नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि पिछले दो दिन से मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है पिछले दो दिन से क्योंकी मैंने ACB में शिकायत की थी प्रीमियम बसों के मामले में और जांच शुरू हो गई। ये प्रताड़ना खुद सीएम और उनके सेक्रेटरी राजेन्द्र कुमार कर रहे हैं। मैंने कल सीएम को 4 बार फोन किया और पूछा कि आखिर क्यों हो रहा है मेरे साथ। लेकिन बात नही हुई। मैं मानसिक तौर पर परेशान हूं। मैं रातभर सो नही सका। हम राजनाथ जी से मिलकर पूरे मामले की शिकायत करेंगे। जो स्टाफ हटाया गया वो हमेशा रहता है उस समय भी जब विधानसभा भंग थी। मुझे डराया जा रहा है।
रुटीन ट्रांसफर हुआ
जबकि दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि 'विजेंद्र गुप्ता के यहाँ से कोई स्टाफ नहीं हटाया गया ये केवल रूटीन ट्रान्सफर पोस्टिंग है।' विजेंद्र गुप्ता और केजरीवाल सरकार के दावों में सबसे अहम् दो बातें हैं। पहली कि अचानक नेता विपक्ष का सारा स्टाफ़ हटा दिया और दूसरी कि ये उस समय हुआ जब दो दिन पहले ही विजेंद्र गुप्ता ने एंटी करप्शन में केजरीवाल सरकार की इस स्कीम की शिकायत की है।
दिल्ली सरकार का बयान
दिल्ली सरकार सूत्र बता रहे हैं कि नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता को कुल 16 लोगों का स्टाफ मिला था। जिसमें से 9 लोग को-टर्मिनस स्टाफ के तौर पर थे और इनको नहीं हटाया गया है। जबकि 7 लोग अलग-अलग विभागों जैसे एक्साइज, शिक्षा, शहरी विकास मंत्रालय से डाइवर्ट करके विजेंद्र गुप्ता को दिए गए थे, इनको इनके विभाग में भेज दिया गया यानी हटाया गया है।
नेता विपक्ष ने नई गाड़ी भी मांगी थी क्योंकि उनको मिली इनोवा कार 2009 की है जो करीब डेढ़ लाख किलोमीटर चल चुकी है। इस मांग पर सरकार अभी विचार कर रही है।
आम आदमी पार्टी का बयान
आम आदमी पार्टी की दिल्ली यूनिट के संयोजक दिलीप पाण्डेय ने कहा कि "ये बड़ा शर्मनाक है कि आज विजेंद्र गुप्ता नेता विपक्ष उसी शख्स के कारण बने हुए हैं जिसपर वो आरोप लगा रहे हैं। विजेंद्र गुप्ता जैसे कद के नेता को गलत जानकारी या गलत बयानी करना शोभा नहीं देता। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि नेता प्रति पक्ष के पास 15 लोगों का स्टाफ हुआ करता था जिसमें से 7 बाहर के विभागों से डेपुटेशन पर थे, उन विभागों ने उनको वापस बुला लिया है और 8 लोगों का स्टाफ अभी भी नेता प्रति पक्ष के साथ लगा हुआ है।'
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