नई दिल्ली:
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अण्णा को समर्थन में दिल्ली के रामलीला मैदान शाम 4 बजे पहुंचेंगे. अण्णा हज़ारे के अनशन का दूसरा दिन है. अण्णा किसान और लोकपाल के मुद्दे पर अनशन पर बैठे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बीपी कम हुआ है पर शुगर लेवल अभी ठीक है. अण्णा हजारे ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा- ''आज दूसरा दिन है मैं ठीक महसूस कर रहा हूं. थोड़ा बीपी कम हुआ है डॉक्टर कम बोलने की सलाह दे रहे हैं. पर मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, हमारे लोगों को बार्डर पर रोका गया. उनको रोका गया उनके ऊपर पानी के बौछार करी गई. परसों मेरे पास केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और महाराष्ट्र के कृषि मंत्री आए थे आश्वासन दे रहे थे- मैंने कहा कि आश्वासन से नहीं ठोस क़दम उठाओ. 4 साल से सिर्फ़ किसानों को आश्वासन ही मिल रहा है. मुझे 9-10 दिन तो कुछ भी नहीं होगा तब तक तो मैं आराम से बैठा रहूंगा. पर इस बार नहीं उठूंगा चाहे कोई आए या न आए.''
अन्ना ने कहा कि अंग्रेज चले गए पर लोकतंत्र नहीं मिला है और गोरे गए काले आ गए. किसानों के प्रश्न पर करेंगे या मरेंगे. 80 साल की उम्र में मैं समाज और देश के लिए जान दे दूंगा तो कोई ग़म नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार हिल रही है और मंत्री कह रहे हैं कि हम ये काम करते हैं पर मैंने कहा कि मुझे इनके शब्दों पर यक़ीन नहीं है.
अण्णा हज़ारे अपने आंदोलन में शामिल होने वाले लोगों से ऐसे हलफ़नामे ले रहे हैं ताकि उनके आंदोलन से फिर कोई राजनीति में शामिल न हो. इस हलफ़नामे में लिखा है कि आंदोलन में शामिल होने वाला कोई भी राजनीति में नहीं जाएगा और अगर जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसमें लिखा है कि शामिल होने वाला कोई भी कभी भी अण्णा हज़ारे का नाम किसी व्यक्तिगत काम में नहीं इस्तेमाल करेगा. अण्णा हज़ारे ऐसे हलफ़नामे इसलिए ले रहे हैं ताकि कोई अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, योगेंद्र यादव उनके आंदोलन से दोबारा न पैदा हो सकें।
आंदोलन में अण्णा के साथ अनशन कर रहे कुछ किसान नेताओं में से एक किसान नेता भारत सेन अनशन के दौरान बेहोश हो गए. डॉक्टरों के मुताबिक़ उनका शुगर लेवल बेहद कम हो गया है. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. इस दौरान अण्णा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा - 'जो लोग मेरे साथ अनशन कर रहे हैं कि उनसे मेरी विनती है कि वो पानी ज़्यादा पिएं
- भरत सेन हमारे साथ अनशन कर रहे थे, बीना मध्यप्रदेश से थे. इन्होंने पानी नहीं पिया था.'
अण्णा रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं जहां वह 2011 में भी बैठे थे. बहरहाल, उम्मीद की जा रही है कि इस बार उनके हमले के केन्द्र में मोदी सरकार होगी. हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं.
अन्ना ने कहा कि अंग्रेज चले गए पर लोकतंत्र नहीं मिला है और गोरे गए काले आ गए. किसानों के प्रश्न पर करेंगे या मरेंगे. 80 साल की उम्र में मैं समाज और देश के लिए जान दे दूंगा तो कोई ग़म नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार हिल रही है और मंत्री कह रहे हैं कि हम ये काम करते हैं पर मैंने कहा कि मुझे इनके शब्दों पर यक़ीन नहीं है.
अण्णा हज़ारे अपने आंदोलन में शामिल होने वाले लोगों से ऐसे हलफ़नामे ले रहे हैं ताकि उनके आंदोलन से फिर कोई राजनीति में शामिल न हो. इस हलफ़नामे में लिखा है कि आंदोलन में शामिल होने वाला कोई भी राजनीति में नहीं जाएगा और अगर जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसमें लिखा है कि शामिल होने वाला कोई भी कभी भी अण्णा हज़ारे का नाम किसी व्यक्तिगत काम में नहीं इस्तेमाल करेगा. अण्णा हज़ारे ऐसे हलफ़नामे इसलिए ले रहे हैं ताकि कोई अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, योगेंद्र यादव उनके आंदोलन से दोबारा न पैदा हो सकें।
आंदोलन में अण्णा के साथ अनशन कर रहे कुछ किसान नेताओं में से एक किसान नेता भारत सेन अनशन के दौरान बेहोश हो गए. डॉक्टरों के मुताबिक़ उनका शुगर लेवल बेहद कम हो गया है. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. इस दौरान अण्णा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा - 'जो लोग मेरे साथ अनशन कर रहे हैं कि उनसे मेरी विनती है कि वो पानी ज़्यादा पिएं
- भरत सेन हमारे साथ अनशन कर रहे थे, बीना मध्यप्रदेश से थे. इन्होंने पानी नहीं पिया था.'
अण्णा रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं जहां वह 2011 में भी बैठे थे. बहरहाल, उम्मीद की जा रही है कि इस बार उनके हमले के केन्द्र में मोदी सरकार होगी. हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं.
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