2015 में दिल्ली में आयोजित आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान किसान गजेंद्र की मौत हो गई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आपको गजेंद्र याद है? हां गजेंद्र सिंह! वही किसान गजेंद्र सिंह जो करीब ढाई साल पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की भूमि अधिग्रहण बिल पर चल रही किसान रैली में आया था. लेकिन रैली के दौरान ही वो पेड़ पर चढ़ा और अपने गले मे फंदा लगाकर आत्महत्या कर बैठा.
उसी किसान गजेंद्र सिंह के परिवार के लोग बुधवार को दिल्ली के संसद मार्ग पर ओडिशा से आए किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए. गजेंद्र के पिता ने कहा कि राज्य सरकार ने उस समय उनसे जो वादे किए थे वो आज तक पूरे होने तो छोड़िए, उनका कोई अता-पता तक नही है.
यह भी पढ़ें: किसान गजेंद्र की मौत पर माफी मांगी केजरीवाल ने, बोले- मुझसे गलती हुई, सो नहीं पाया
राजस्थान के दौसा जिले में करीब 30 बीघे में खेती करने वाले गजेंद्र के पिता बने सिंह ने बताया, 'ढाई साल पहले जब गजेंद्र ने खुदकुशी की हमारे घर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आई थीं. उस समय सीबीआई जांच, परिवार को आर्थिक मदद और गजेंद्र की बड़ी बेटी को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन उसका आजतक कुछ नहीं हुआ.'
गजेंद्र के चचेरे भाई राजेन्द्र सिंह के मुताबिक, 'दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपनी पार्टी के ज़रिए 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया और शहीद का दर्जा भी दिया लेकिन शहीद स्मारक की हमारी एक मांग थी जिसमें देश का कोई परेशान किसान फ़ोन करे तो उसकी मदद हो, वो आजतक पूरी नही हुई. करीब एक साल पहले मुझे क़ुतुब मीनार के पास की ज़मीन दिखाई गई लेकिन उसके बाद से कुछ नही हुआ'.
VIDEO: गजेंद्र ने पहले ही दे दिया था खुदकुशी का इशारा
आम आदमी पार्टी की किसान रैली में 22 अप्रैल, 2015 की किसान गजेंद्र के खुदकुशी करते समय पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास मंच पर मौजूद थे और उन पर असंवेदनशील होने का आरोप भी लगा था. पूरे तीन दिन ये खबर राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर सुर्खी बनी रही और आम आदमी पार्टी के गले की फांस बन गई थी. परिवार का ये भी कहना है कि दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए थे जिसका क्या हुआ पता नहीं.
बता दें कि गजेंद्र की आत्महत्या का मामला इतना फैल गया था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा था ' “गजेंद्र की मृत्यु से पूरा देश दुखी है। हम बहुत आहत और निराश हैं। परिवार को सांत्वना. "
उसी किसान गजेंद्र सिंह के परिवार के लोग बुधवार को दिल्ली के संसद मार्ग पर ओडिशा से आए किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए. गजेंद्र के पिता ने कहा कि राज्य सरकार ने उस समय उनसे जो वादे किए थे वो आज तक पूरे होने तो छोड़िए, उनका कोई अता-पता तक नही है.
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राजस्थान के दौसा जिले में करीब 30 बीघे में खेती करने वाले गजेंद्र के पिता बने सिंह ने बताया, 'ढाई साल पहले जब गजेंद्र ने खुदकुशी की हमारे घर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आई थीं. उस समय सीबीआई जांच, परिवार को आर्थिक मदद और गजेंद्र की बड़ी बेटी को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन उसका आजतक कुछ नहीं हुआ.'
गजेंद्र के चचेरे भाई राजेन्द्र सिंह के मुताबिक, 'दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपनी पार्टी के ज़रिए 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया और शहीद का दर्जा भी दिया लेकिन शहीद स्मारक की हमारी एक मांग थी जिसमें देश का कोई परेशान किसान फ़ोन करे तो उसकी मदद हो, वो आजतक पूरी नही हुई. करीब एक साल पहले मुझे क़ुतुब मीनार के पास की ज़मीन दिखाई गई लेकिन उसके बाद से कुछ नही हुआ'.
VIDEO: गजेंद्र ने पहले ही दे दिया था खुदकुशी का इशारा
आम आदमी पार्टी की किसान रैली में 22 अप्रैल, 2015 की किसान गजेंद्र के खुदकुशी करते समय पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास मंच पर मौजूद थे और उन पर असंवेदनशील होने का आरोप भी लगा था. पूरे तीन दिन ये खबर राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर सुर्खी बनी रही और आम आदमी पार्टी के गले की फांस बन गई थी. परिवार का ये भी कहना है कि दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए थे जिसका क्या हुआ पता नहीं.
बता दें कि गजेंद्र की आत्महत्या का मामला इतना फैल गया था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा था ' “गजेंद्र की मृत्यु से पूरा देश दुखी है। हम बहुत आहत और निराश हैं। परिवार को सांत्वना. "
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