नई दिल्ली:
सम-विषम योजना के दूसरे चरण के शुरू में वायु प्रदूषण का स्तर कुछ 'कम' हुआ था, लेकिन खेतों और जंगलों में लगी आग से 22 अप्रैल के बाद उसमें 'अचानक वृद्धि' हुई।
सेन्टर फॉर साइंस एण्ड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) द्वारा किए गए योजना के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि शुरुआत में प्रदूषण कम हुआ था, लेकिन 22 अप्रैल के बाद उसमें अचानक वृद्धि हुई।
संगठन का कहना है, 'नासा उपग्रह तस्वीरों के विश्लेषण ने 19 अप्रैल के आसपास पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर फसलों में आग लगने की घटनाएं दर्शायी हैं, यह भी वायु प्रदूषण स्तर बढ़ने का कारण हो सकता है।'
उसका कहना है कि फसलों में आग लगने के कारण योजना के लाभों का गलत आकलन किया गया और पहले सप्ताह के बाद प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि हुई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सेन्टर फॉर साइंस एण्ड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) द्वारा किए गए योजना के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि शुरुआत में प्रदूषण कम हुआ था, लेकिन 22 अप्रैल के बाद उसमें अचानक वृद्धि हुई।
संगठन का कहना है, 'नासा उपग्रह तस्वीरों के विश्लेषण ने 19 अप्रैल के आसपास पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर फसलों में आग लगने की घटनाएं दर्शायी हैं, यह भी वायु प्रदूषण स्तर बढ़ने का कारण हो सकता है।'
उसका कहना है कि फसलों में आग लगने के कारण योजना के लाभों का गलत आकलन किया गया और पहले सप्ताह के बाद प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि हुई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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