
ईडी ने 22 जून 2025 को हिमाचल प्रदेश,हरियाणा और पंजाब में पांच जगहों पर छापेमारी की. ये छापे निशांत सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और उनकी करीबी सहयोगी कोमल खन्ना से जुड़े रिहायशी और कमर्शियल ठिकानों पर मारे गए.निशांत सरीन हिमाचल प्रदेश के बद्दी में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के पद पर रहते हुए अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों में घिरे हैं.
ED ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के केस में की है, जिसकी शुरुआत एक FIR के आधार पर हुई थी. ये FIR हिमाचल पुलिस की स्टेट विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो ने 21 अगस्त 2019 को दर्ज की थी. उसके बाद निशांत सरीन को 11 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया गया था और उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 11 और IPC की धारा 201 के तहत चार्जशीट फाइल की गई थी. वहीं, उनकी सहयोगी कोमल खन्ना पर भी भ्रष्टाचार कानून की धारा 12 के तहत आरोप तय किए गए थे. हालांकि, निशांत सरीन को 25 अक्टूबर 2019 को जमानत मिल गई थी।
जमानत के बाद साल 2024 में उन्हें धर्मशाला में फिर से ADC की जिम्मेदारी दे दी गई. अब ईडी की छापेमारी के दौरान इस बात की भी जांच हो रही है कि धर्मशाला में अपने मौजूदा पद पर रहते हुए निशांत सरीन ने किस तरह से राजनीतिक सरंक्षण का फायदा उठाया और क्या उन्होंने लोगों से जबरन वसूली या रिश्वत मांगी.फिलहाल, ईडी की जांच जारी है और इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है.