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चाइना टू दिल्ली... कैसे हुई 800 करोड़ के अवैध सोने की सप्लाई, ED ने खोला हर एक राज

यह मामला दिखाता है कि कैसे भारत-चीन बॉर्डर से लेकर दिल्ली के बाजारों तक सोने की तस्करी का पूरा नेटवर्क फैला हुआ है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है.

चाइना टू दिल्ली... कैसे हुई 800 करोड़ के अवैध सोने की सप्लाई, ED ने खोला हर एक राज
ईडी ने किया 800 करोड़ के सोना तस्करी का भंडाफोड़
  • ईडी ने दिल्ली और लद्दाख में 800 करोड़ रुपये के सोना तस्करी मामले में 6 ठिकानों पर छापेमारी की है.
  • जांच में पता चला कि टेंडू ताशी मास्टरमाइंड था, जो लद्दाख से दिल्ली तक सोने की सप्लाई संभालता था.
  • सोना चीन से टेनजिन खंडप और उसके चाचा के माध्यम से भारत लाया जाता था और भारतीय पोर्टरों को सौंपा जाता था.
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नई दिल्ली:

ईडी ने दिल्ली और लद्दाख में छापेमारी कर 800 करोड़ रुपये के सोना तस्करी (ED Raid Gold Smuggling) का भंडाफोड़ किया है. ये रेड श्रीनगर जोनल ऑफिस ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत दिल्ली-एनसीआर के 5 ठिकानों और लद्दाख में 1 ठिकाने पर की. यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है जिसमें आईटीबीपी ने 108 किलो विदेशी सोना जब्त किया था. छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं. बता दें कि इस मामले की जांच डीआरआई  ने भी की थी.

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ED की जांच में खुले ये बड़े राज 

  • भू-चुम-चुम, एक चीनी नागरिक, सोना चीन से भेजता था.
  • भारत में उसका संपर्क टेंडू ताशी नाम के शख्स से था.
  • टेंडू ताशी ही इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है, जो लद्दाख से दिल्ली तक सोने की सप्लाई की लॉजिस्टिक्स संभालता था.
  • टेनजिन खंडप, तिब्बत निवासी, चीन से सोना रिसीव करता था और इसे बॉर्डर तक लाता था.
  • फिर वह सोना चीनी साइड पर मौजूद भारतीय पोर्टरों को सौंप दिया जाता था.
  • टेनजिन संपेल (टेनजिन खंडप का चाचा) ने टेंडू ताशी के कहने पर दो पोर्टरों को हायर किया था, जिन्होंने चीन से 108 किलो सोना भारत में लाने का काम किया.

चीन से भारत लाया गया 800 करोड़ का सोना

ED की जांच में सामने आया है कि साल 2023 और 2024 में टेंडू ताशी और उसके नेटवर्क ने 1064 किलो सोना (करीब 800 करोड़ रुपये का) भारत में तस्करी कर पहुंचाया. यह सोना दिल्ली लाया जाता था और यहां से ज्वेलर्स और डीलरों को बेचा जाता था.

क्रिप्टोकरेंसी से होता था भुगतान

खरीदार सोने की कीमत का भुगतान चीन में बैठे भू-चुम-चुम को क्रिप्टोकरेंसी (USDT/Tether) के जरिए करते थे. ED ने साफ कहा है कि यह एक बड़ा इंटरनेशनल गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट है और इसकी गहन जांच अभी जारी है.

यह मामला दिखाता है कि कैसे भारत-चीन बॉर्डर से लेकर दिल्ली के बाजारों तक सोने की तस्करी का पूरा नेटवर्क फैला हुआ है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है.

DRI की जांच में क्या मिला?

DRI की जांच में खुलासा हुआ कि इसी तरह की तस्करी के जरिए 1064 किलो सोना लाया गया.  इसके लिए USDT/ Tether जैसी क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया गया. DRI ने इस केस में अब तक 10 लोगों को COFEPOSA कानून के तहत हिरासत में लिया है. 

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