सत्येंद्र जैन पर हवाला कारोबारियों के साथ सीधे संपर्क रखने का भी आरोप था. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से हवाला मामले में सीबीआई ने गुरुवार को गहन पूछताछ की. जांच एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए सुबह 11 बजे हेडक्वार्टर बुलाया था, जिसके बाद से उनसे देर शाम तक पूछताछ की गई.
दरअसल, एमसीडी चुनावों से ठीक पहले सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक प्राथमिक जांच दर्ज की थी. प्राथमिक जांच आरोपों के बारे में सूचनाएं एकत्रित करने के लिए सीबीआई द्वारा पहला कदम होती है. अगर एजेंसी को लगता है कि इस मामले में पहली नजर में ठोस आधार है तो वह आरोपी के खिलाफ नियमित मामला दर्ज कर सकती है. सत्येंद्र जैन पर हवाला कारोबारियों के साथ सीधे संपर्क रखने का भी आरोप था.
सीबीआई का आरोप है कि जैन 2015-16 के दौरान लोक सेवक रहते हुए प्रयास इंफो सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, अकिंनचंन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन में शामिल थे. जैन के खिलाफ आरोपों में इन कंपनियों और इंडोमेटल प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 2010-12 के दौरान 11.78 करोड़ रुपये के कथित धन शोधन का भी मामला है.
सीबीआई का कहना था कि उसने जो रिपोर्ट इनकम टैक्स से मिली, उसे आधार बनाकर प्रिलिमिनरी इंक्वायरी दर्ज की है. सीबीआई के एक अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया था, "मामला नया बेनामी लेनदेन निषेध कानून के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा सीबीआई को भेजा गया था, उसे हमने अपनी जांच का आधार बनाया है." CBI के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले.
हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना रहा है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं.
दरअसल, एमसीडी चुनावों से ठीक पहले सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक प्राथमिक जांच दर्ज की थी. प्राथमिक जांच आरोपों के बारे में सूचनाएं एकत्रित करने के लिए सीबीआई द्वारा पहला कदम होती है. अगर एजेंसी को लगता है कि इस मामले में पहली नजर में ठोस आधार है तो वह आरोपी के खिलाफ नियमित मामला दर्ज कर सकती है. सत्येंद्र जैन पर हवाला कारोबारियों के साथ सीधे संपर्क रखने का भी आरोप था.
सीबीआई का आरोप है कि जैन 2015-16 के दौरान लोक सेवक रहते हुए प्रयास इंफो सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, अकिंनचंन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन में शामिल थे. जैन के खिलाफ आरोपों में इन कंपनियों और इंडोमेटल प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 2010-12 के दौरान 11.78 करोड़ रुपये के कथित धन शोधन का भी मामला है.
सीबीआई का कहना था कि उसने जो रिपोर्ट इनकम टैक्स से मिली, उसे आधार बनाकर प्रिलिमिनरी इंक्वायरी दर्ज की है. सीबीआई के एक अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया था, "मामला नया बेनामी लेनदेन निषेध कानून के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा सीबीआई को भेजा गया था, उसे हमने अपनी जांच का आधार बनाया है." CBI के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले.
हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना रहा है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं.
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