अरविंद केजरीवाल, आशुतोष एवं आप के अन्य नेता (फाइल फोटो।)
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी इस समय अपने 21 विधायकों की सदस्यता पर लटकी तलवार की चिंता करने के साथ ही अब दूसरे राज्यों में बने हुए संसदीय सचिव का मुद्दा उठाकर हमलावर मूड में आ गई है।
आप की पंजाब इकाई ने मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखी चिट्ठी
आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पंजाब सरकार में 24 संसदीय सचिवों की नियुक्ति संविधान की मूल भावना और आर्टिकल 191 का उल्लंघन है जो कहता है कि कोई भी विधायक/सांसद अयोग्य घोषित हो जाएगा अगर उसने सरकार में कोई भी लाभ का पद लिया।
पंजाब की आर्थिक हालत खराब
चिट्ठी में कहा गया है कि पंजाब की आर्थिक हालत पहले ही खराब है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है, जेल तक गिरवी रखी हैं। ऐसे में संसदीय सचिवों को मिलने वाले वेतन भत्तों की वजह से करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी ख़ज़ाने पर पड़ेगा। ऐसे में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लेने वाले शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के विधायकों को अयोग्य घोषित करें। पंजाब में कुल 24 संसदीय सचिवों में से 19 शिरोमणि अकाली दल के और 5 बीजेपी के हैं।
हिमाचल में भी 9 संसदीय सचिव
पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के 9 संसदीय सचिवों की भी ऐसी ही शिकायत की है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि वह जल्द ही गुजरात, हरियाणा समेत बाकी राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मुद्दा चुनाव आयोग और राष्ट्रपति के पास उठाएगी। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 21 विधायक लाभ के पद के आरोप में सदस्यता जाने के खतरे से जूझ रहे हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई से शुरू करने का ऐलान भी कर दिया है।
आप की पंजाब इकाई ने मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखी चिट्ठी
आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पंजाब सरकार में 24 संसदीय सचिवों की नियुक्ति संविधान की मूल भावना और आर्टिकल 191 का उल्लंघन है जो कहता है कि कोई भी विधायक/सांसद अयोग्य घोषित हो जाएगा अगर उसने सरकार में कोई भी लाभ का पद लिया।
पंजाब की आर्थिक हालत खराब
चिट्ठी में कहा गया है कि पंजाब की आर्थिक हालत पहले ही खराब है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है, जेल तक गिरवी रखी हैं। ऐसे में संसदीय सचिवों को मिलने वाले वेतन भत्तों की वजह से करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी ख़ज़ाने पर पड़ेगा। ऐसे में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लेने वाले शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के विधायकों को अयोग्य घोषित करें। पंजाब में कुल 24 संसदीय सचिवों में से 19 शिरोमणि अकाली दल के और 5 बीजेपी के हैं।
हिमाचल में भी 9 संसदीय सचिव
पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के 9 संसदीय सचिवों की भी ऐसी ही शिकायत की है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि वह जल्द ही गुजरात, हरियाणा समेत बाकी राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मुद्दा चुनाव आयोग और राष्ट्रपति के पास उठाएगी। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 21 विधायक लाभ के पद के आरोप में सदस्यता जाने के खतरे से जूझ रहे हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई से शुरू करने का ऐलान भी कर दिया है।
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