
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर...
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17 साल में सबसे खतरनाक धुंध है दिल्ली में इस समय
सांस लेने में दिक्कत, दमा और एलर्जी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 60 प्रतिशत तक हो गई है
चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि नए मामले सामने आने के साथ ही पहले से ही दमा, एलर्जी या अन्य संबंधित विकारों से ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ गई हैं. सर गंगाराम अस्पताल में औषधि विभाग के अध्यक्ष एवं सीनियर कंसल्टैंट डॉ. एसपी ब्योत्रा का कहना है, ‘‘पहले हमारे अस्पताल में प्रदूषण से संबंधित बीमारी के 15 से 20 प्रतिशत मामले आते थे लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 60 प्रतिशत तक हो गई है.’’
उनका कहना है, ‘‘सर्वाधिक आम समस्या श्वसन संबंधी होती है लेकिन इस बार हम धुंध की वजह से सांस लेने में गंभीर परेशानी, खांसी और छींक तथा ब्रोंकाइटिस के मामले बड़ी संख्या में देख रहे हैं.’’ ब्योत्रा ने कहा, ‘‘बच्चे और बुजुर्ग धुंध तथा प्रदूषण के चलते संक्रमण और एलर्जी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और सुबह तथा शाम के समय बाहर निकलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए जब खतरनाक स्तर सबसे ज्यादा होता है.’’
दिल्ली पिछले 17 साल में सबसे खतरनाक धुंध का सामना कर रही है जिससे उच्च न्यायालय को यह तक कहना पड़ा कि यह ‘‘किसी गैस चैंबर में रहने’’ जैसा है.
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