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This Article is From Jun 29, 2017

एमसीडी के कर्मचारियों पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, बिना काम के नहीं मिलेगा वेतन

पीठ ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की खासी संख्या है और इसके बाद भी दिल्ली गंदगी से पटी हुई है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 15 हजार सफाई कर्मचारी हैं जबकि उ}ारी दिल्ली नगर निगम में 26 हजार तथा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 23 हजार सफाई कर्मचारी हैं.

एमसीडी के कर्मचारियों पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, बिना काम के नहीं मिलेगा वेतन
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों का जिक्र करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना काम के वेतन नहीं ले सकता. अदालत ने निर्देश दिया कि हर एक सफाई कर्मचारी की पहचान के साथ साथ उसकी ड्यूटी के स्थान तथा समय का ब्यौरा निगमों की वेबसाइट पर डाला जाना चाहिए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने कहा कि काम होने पर ही मजदूरी दी जाए. बिना काम के कोई वेतन नहीं लेता. अपना काम नहीं करने के चलन को हटाना होगा. इसके साथ ही पीठ ने कहा कि सफाई कर्मचारियों का भुगतान पहले किया जाए और उसके बाद निगम के अन्य कर्मचारियों को.

पीठ ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की खासी संख्या है और इसके बाद भी दिल्ली गंदगी से पटी हुई है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 15 हजार सफाई कर्मचारी हैं जबकि उ}ारी दिल्ली नगर निगम में 26 हजार तथा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 23 हजार सफाई कर्मचारी हैं.

पीठ ने तीनों नगर निगमों के आयुक्तों को सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने एमसीडी से सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी व्यवस्थित बनाने के लिए कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी से सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी व्यवस्थित बनाने के लिए कहा है. कोर्ट ने काम करने की इच्छाशक्ति में कमी के कारण यहां तीनों नगर निगमों को फटकार लगाते हुए उनसे सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी को व्यवस्थित बनाने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि शहर की सड़कों से नियमित तौर पर कूड़ा हटाया जाए.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्त सी हरि शंकर की पीठ ने बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लगाने और जिन इलाकों में सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी है वहां उनकी मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए व्हाट्सएप जैसी मैसेजिंग एप का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.

पीठ ने कहा, 'सफाई कर्मचारियों को काम देने के तरीके और इलाके में उनकी मौजूदगी में कमी है. ऐसी प्रकिया बनाने की कोशिश करें, जिसमें इलाके में मौजूद सफाई कर्मचारी उस क्षेत्र की तस्वीर भेज सकें जिसकी उन्होंने सफाई की. 

इनपुट : भाषा
 

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