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This Article is From Aug 04, 2018

केजरीवाल सरकार को झटका, दिल्ली हाइकोर्ट ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का फ़ैसला रद्द किया

मार्च 2017 में दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके मुताबिक दिल्ली में अकुशल मजदूर को 13,500, अर्ध कुशल मजदूर को 14,698 और कुशल 16,198 रुपये प्रति माह न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए.

केजरीवाल सरकार को झटका, दिल्ली हाइकोर्ट ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का फ़ैसला रद्द किया
दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका देते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार का न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का फ़ैसला रद्द कर दिया है. हाइकोर्ट ने मार्च 2017 के सभी श्रेणी के मजदूरों की न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने वाले नोटिफिकेशन को संविधान के विरुद्ध बताते हुए रद्द कर दिया है. यही नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की खंडपीठ ने न्यूनतम मजदूरी पर बनाये गए एडवाइजरी पैनल के नोटिफिकेशन को भी प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध और बिना पर्याप्त दस्तावेज़ के बताते हुए रद्द कर दिया है.

मार्च 2017 में दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके मुताबिक दिल्ली में अकुशल मजदूर को 13,500, अर्ध कुशल मजदूर को 14,698 और कुशल 16,198 रुपये प्रति माह न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने ये फैसला उद्योग और कॉर्पोरेट से जुड़े लोगों की याचिका पर दिया है जिनकी याचिका में मांग की गयी थी कि चूंकि‍ सरकार ने उनकी बात सुने बिना ये फैसला लागू किया है इसलिए इस फैसले को रद्द किया जाए.

इस फ़ैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'इतनी महंगाई में हमने ग़रीब मज़दूरों का वेतन बढ़ाकर उन्हें बड़ी राहत दी थी. कोर्ट ने हमारे निर्णय को ख़ारिज कर दिया. कोर्ट के आदेश को पढ़कर हम आगे की रणनीति तय करेंगे. ग़रीबों को राहत दिलवाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.'

VIDEO: दिल्ली : आप सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में की 50 फीसदी की वृद्धि

दिल्ली में फिलहाल न्यूनतम मजदूरी अकुशल मजदूर - 9724 रुपये प्रति माह, अर्ध कुशल मज़दूर - 10764 रुपये और कुशल मज़दूर के लिए 11830 रुपये प्रतिमाह है.

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