
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि छात्र नेता ने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने अदालत से समय मांगते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस ने कहा कि तथ्यों को सत्यापित किए बगैर वह कन्हैया की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अर्जियों पर टिप्पणी नहीं कर सकती। पुलिस ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया। दिल्ली पुलिस ने यह बात तब कही जब दिल्ली सरकार ने साफ तौर पर कहा कि याचिकाकर्ताओं ने ऐसा कोई आधार नहीं दिखाया है जिससे कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द की जा सके।
इस मामले में बहस 28 अप्रैल को भी जारी रहेगी। कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद छात्र नेता ने ‘‘देश विरोधी’’ भाषण दिया और जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया।
याचिकाकर्ताओं ने कन्हैया के खिलाफ झूठी गवाही का मुकदमा चलाने की भी मांग की है।
बहरहाल, दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने पीठ से यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर फैसला अदालत पर छोड़ती है। मेहरा ने कहा, ‘‘यदि अदालत कहती है कि हां जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ है तो फिर हमें कुछ नहीं कहना है। लेकिन एक भी ऐसा आधार नहीं दिखाया गया है जिससे साबित हो कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस ने कहा कि तथ्यों को सत्यापित किए बगैर वह कन्हैया की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अर्जियों पर टिप्पणी नहीं कर सकती। पुलिस ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया। दिल्ली पुलिस ने यह बात तब कही जब दिल्ली सरकार ने साफ तौर पर कहा कि याचिकाकर्ताओं ने ऐसा कोई आधार नहीं दिखाया है जिससे कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द की जा सके।
इस मामले में बहस 28 अप्रैल को भी जारी रहेगी। कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद छात्र नेता ने ‘‘देश विरोधी’’ भाषण दिया और जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया।
याचिकाकर्ताओं ने कन्हैया के खिलाफ झूठी गवाही का मुकदमा चलाने की भी मांग की है।
बहरहाल, दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने पीठ से यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर फैसला अदालत पर छोड़ती है। मेहरा ने कहा, ‘‘यदि अदालत कहती है कि हां जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ है तो फिर हमें कुछ नहीं कहना है। लेकिन एक भी ऐसा आधार नहीं दिखाया गया है जिससे साबित हो कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है।’’
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