दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को प्रस्ताव भेजकर मेयर के चुनाव के लिए 3,4 या 6 फरवरी को दिल्ली नगर निगम (MCD) सदन बुलाने का आग्रह किया है. MCD ने 10 फरवरी का प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा, इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने 3,4 और 6 फरवरी को मेयर चुनाव कराने के लिए MCD की बैठक बुलाने का प्रस्ताव LG को भेजा है. गौरतलब है कि हंगामे के चलते दिल्ली नगर निगम का सदन एक बार फिर पिछले सप्ताह अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा थाजिसके कारण मेयर का चुनाव नहीं हो सका. इससे पहले, सात जनवरी को भी बीजेपी और AAP के पार्षदों की तीखी झड़प और जबरदस्त हंगामे के चलते मेयर के चुनाव टालना पड़ा था.
गौरतलब है कि एमसीडी के 250 वार्डों में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 134 वार्डों में जीत दर्ज की थी. दूसरी ओर बीजेपी को इस चुनाव में 104 वार्ड में जीत मिली है. आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए शैली ओबेरॉय को उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने दिल्ली से पार्टी की वरिष्ठ नेता और शालीमार बाग वार्ड की पार्षद रेखा गुप्ता को मेयर उम्मीदवार घोषित किया है. 7 जनवरी को सदन की बैठक के दौरान पीठासीन पदाधिकारी सत्या शर्मा के फैसले को लेकर हंगामा हुआ था. 10 मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने को लेकर बीजेपी और 'आप' के बीच ठन गई था. दरअसल, उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने MCD में 10 पार्षद मनोनीत किए हैं. मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन भी कहा जाता है. यह अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा जब सबसे पहले मनोनीत पार्षदों की शपथ करवाने की घोषणा की तो आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल ने ऐतराज जताया था. गोयल ने कहा था कि सबसे पहली निर्वाचित की शपथ करवानी चाहिए, मनोनीत की नहीं. इसके बाद लगातार हंगामे के कारण चुनाव स्थगित करने पड़े थे.
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