दिल्ली विधासनभा चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया बुधवार को पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही राजधानी में 699 उम्मीदवारों की किस्मत अब ईवीएम में बंद हो गई. चुनाव परिणाम 8 फरवरी को जारी किए जाएंगे. उस दिन ही ये साफ हो पाएगा कि इस बार के चुनाव में दिल्ली की जनता ने किस पार्टी को अपना 'आशीर्वाद' दिया है. बात अगर बुधवार की शाम आए एक्जिट पोल्स की करें तो इसमें ज्यादातर पोल्स राजधानी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वापसी की बात कह रहे हैं. ऐसा हुआ तो 1993 के बाद पहली बार राजधानी में बीजेपी सत्ता में वापसी करेगी.
इस चुनाव में क्या कुछ रहा है
- 2008 के बाद इस बार सबसे कम वोटिंग हुई है.
- दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी 2020 के चुनाव की तुलना में वोटिंग में गिरावट आई है.
- लोकसभा चुनाव की तुलना में इस विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर कम हुई है कम वोटिंग.
- दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में सबसे ज्यादा 66.25 फीसदी मतदान हुआ है.
- दूसरे विधानसभा सीटों की तुलना में मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर ज्यादा वोटिंग हुई है.
लोकसभा चुनाव की तुलना में ज्यादा हुई वोटिंग
दिल्ली चुनाव में इस बार 2020 की 62.55 फीसदी की तुलना में 60.4 फीसदी वोटिंग हुई है. यानी 2020 की तुलना में इस बार मतदान कम हुआ है. लेकिन बात अगर लोकसभा चुनाव में हुए मतदान की करें तो इस बार के विधानसभा चुनाव मतदान प्रतिशत में इजाफा हुआ है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में कुल 58.6 फीसदी मतदान हुआ था जबकि इस बार के विधानसभा चुनाव में 60.4 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. अब ऐसे में मतदान फीसदी में आई बढ़ोतीर का परिणामों पर क्या असर पड़ेगा ये तो 8 फरवरी को ही पता चल पाएगा.
बीते तीन विधानसभा चुनाव में हुए मतदान का प्रतिशत
2013 | 68 फीसदी |
2015 | 67.5 फीसदी |
2020 | 62.8 फीसदी |
बीते तीन विधानसभा चुनाव की तुलना में कम हुई है वोटिंग
दिल्ली में लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार के विधानसभा चुनाव में वोटिंग पर्सेंटेज में भले ही इजाफा हुआ हो लेकिन अगर बात दिल्ली में हुए बीते तीन विधानसभा चुनावों की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदान कम हुआ है. दिल्ली में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 68 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 2015 में 67.5 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. वहीं बात अगर 2020 के चुनाव की करें तो उस दौरान 62.8 फीसदी लोगों ने अपने चहेते उम्मीदवार के लिए मतदान किया था. दिल्ली चुनाव में वोटिंग पर्सेंटेज के कम होने का ये ट्रेंड भी कई तरह के सवालों को जन्म देता है. एक सवाल तो ये भी है कि क्या इससे पार्टियों के जीत के फासले पर असर पड़ेगा.
क्या कहता है वोटिंग का ये ट्रेंड
अगर बात दिल्ली चुनाव की करें तो यहां जितने वोट डाले गए हैं वो एक अलग ट्रेंड को दर्शाते हैं. कुछ महीने पहले हरियाणा और झारखंड के चुनावों में भी वहां पहले हुए चुनावों की तुलना में कम या लगभग बराबर ही मतदान हुआ था. लेकिन इसके बाद भी वहां सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ था. वहीं महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2019 की तुलना में 2024 में पांच फीसदी से ज्यादा मतदान प्रतिशत बढ़ा था. और वहां भी सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ. बात अगर सिर्फ दिल्ली की करें तो पिछली दफा जब यहां सत्ता परिवर्तन हुआ था यानी 2013 में (65.63 फीसदी), तब 2008 की तुलना (57.58 फीसदी) में 8 फीसदी वोटिंग ज्यादा हुई थी. आपको बता दें कि ये वही चुनाव थे जब पहली बार आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी.
दिल्ली में सुस्त वोटिंग के बीच मुस्लिम इलाकों में बंपर वोटिंग हुई
दिल्ली में 11 सीटों को मुस्लिम बहुल सीट माना जाता है. इन सीटों में चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर जैसी सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर दिल्ली की अन्य सीटों की तुलना में वोटिंग परसेंटेज बेहतर रहा है. मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद में सबसे अधिक 69% मतदान दर्ज किया गया, जो कि 2024 के लोकसभा चुनावों में दर्ज की गई तुलना से अधिक था. उस दौरान 66.8% लोगों ने वोट डाला था. हालांकि, मतदान 2020 के विधानसभा चुनावों की तुलना में लगभग 1.8 प्रतिशत अंक कम रहा है. 2020 में 70.8% मतदान हुआ था. सीलमपुर में दूसरा सबसे अधिक 68.7% मतदान दर्ज किया गया, उसके बाद गोकलपुर का आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र था जहां 68.3% वोट पड़े. महरौली में सबसे कम 53% मतदान हुआ, इसके बाद मॉडल टाउन में 53.4% मतदान हुआ.
दिल्ली की 11 मुस्लिम बहुल सीटों पर हुई वोटिंग
विधानसभा सीट | वोटिंग % |
चांदनी चौक | 55.96 |
मटियामहल | 65.10 |
बल्लीमारन | 63.87 |
ओखला | 54.90 |
सीमापुरी | 65.27 |
सीलमपुर | 68.70 |
बाबरपुर | 65.99 |
मटिया महल | 65.10 |
मुस्तफाबाद | 69.00 |
करावल नगर | 64.44 |
जंगपुरा | 57.42 |
सीलमपुर में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह बुर्के की आड़ में फर्जी वोटर्स से मतदान करवा रहे हैं. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी ने बाहर से महिलाएं लाकर, उन्हें पहले मास्क और बाद में बुर्का पहनाकर फर्जी वोटिंग कराई है. बीजेपी का आरोप है कि सीलमपुर में कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो आरोप लगा रही हैं कि उनके नाम पर पहले ही किसी नो वोट डाल दिया है.
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