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Exit Poll का 'MMM' फैक्टर क्या बदल देगा दिल्ली चुनाव का पूरा खेल, यहां समझिए हर बात

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार 2020 की तुलना में कम मतदान हुआ है. लेकिन कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव से अगर तुलना की जाए तो इस विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार किसे मिलेगा जनता का आशीर्वाद

नई दिल्ली:

दिल्ली चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी को चुनाव परिणाम का इंतजार है. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था. मतदान के बाद बुधवार की शाम दिल्ली चुनाव को लेकर एग्जिट पोल्स भी जारी किए गए. NDTV के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी की धमाकेदार वापसी का अनुमान लगाया गया है. एग्जिट पोल्स के अनुसार इस बार के चुनाव में महिला, मुस्लिम और मिडिल क्लास यानी MMM फैक्टर किसी भी पार्टी की जीत हार में बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है.  

मुस्लिम बहुल सीटों पर का मतदान प्रतिशत

विधानसभा सीटवोटिंग % 
चांदनी चौक55.96
मटियामहल65.10
बल्लीमारन63.87
ओखला54.90
सीमापुरी65.27
सीलमपुर68.70
बाबरपुर65.99
मटिया महल65.10
मुस्तफाबाद69.00
करावल नगर64.44
जंगपुरा57.42

मुस्लिम बहुल इलाके में जमकर हुई है वोटिंग 

दिल्ली चुनाव के दौरान इस बार मुस्लिम बहुल इलाकों में जमकर वोटिंग हुई है. मुस्लिम इलाके में वोटिंग फीसदी में हुए इजाफे का सीधा असर पार्टियों के जीत और हार के अंतर को और बढ़ा सकती है. आपको बता दें कि दिल्ली में 11 सीटों को मुस्लिम बहुल सीट माना जाता है. इन सीटों में चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर जैसी सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर दिल्ली की अन्य सीटों की तुलना में वोटिंग परसेंटेज बेहतर रहा है. मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद में सबसे अधिक 69% मतदान दर्ज किया गया, जो कि 2024 के लोकसभा चुनावों में दर्ज की गई तुलना से अधिक था. उस दौरान 66.8% लोगों ने वोट डाला था. हालांकि, मतदान 2020 के विधानसभा चुनावों की तुलना में लगभग 1.8 प्रतिशत अंक कम रहा है. 2020 में 70.8% मतदान हुआ था. सीलमपुर में दूसरा सबसे अधिक 68.7% मतदान दर्ज किया गया, उसके बाद गोकलपुर का आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र था जहां 68.3% वोट पड़े. महरौली में सबसे कम 53% मतदान हुआ, इसके बाद मॉडल टाउन में 53.4% ​​मतदान हुआ.

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मिडिल क्लास की महिलाओं की भी बड़ी भूमिका 

राजनीति के जानकार मानकर चल रहे हैं इस बार महिलाएं और खासकर मिडिल क्लास की महिलाएं किसी भी पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं. वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने कहा कि अगर मिडिल क्लास और खासकर मिडिल क्लास की महिलाओं ने बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए मतदान किया तो इसका असर चुनाव परिणामों पर भी पड़ेगा. मिडिल क्लास के वोटर्स के बीजेपी की तरफ शिफ्ट होने से अगर आम आदमी पार्टी 50 या उससे नीचे सीटों पर रुक गई तो दिल्ली में आगे 'खेला' हो सकता है. बहुत कुछ निर्भर करेगा कि मिडिल क्लास कितना बीजेपी की तरफ रुझान रखता है. साथ ही कांग्रेस कितना वोट काटती है ये भी बड़ा असर डालेगी.

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12 लाख वाले फैक्टर भी क्या डालेगा असर 

जानकार मानते हैं बीते दिनों आम बजट केंद्र सरकार द्वारा 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई भी टैक्स ना देने का ऐलान भी इस बार के चुनाव परिणाम में दिख सकते हैं. जानकार बताते हैं कि 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स ना लगाना दिल्ली ऐसे महानगर में एक बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इस चुनाव में बीजेपी को कई सीटों का फायदा हो सकता है. 

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