- दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के सभी लिंक की बारीकी से जांच की जा रही है.
- अल फलाह यूनिवर्सिटी पर विदेशी फंडिंग मिलने का आरोप लगा है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने इसे पूरी तरह से खारिज किया है.
- यूनिवर्सिटी के ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर ने बताया कि फंडिंग केवल फीस से होती है, बाहरी फंडिंग की बात गलत है.
दिल्ली ब्लास्ट मामले के तार फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ रहे हैं. दोनों के हर एक लिंक की बारीकी से जांच की जा रही है. पुलिस और जांच एजेंसियों की हर एक एक्टिविटी पर नजर है. इस बीच अल फलाह को विदेशी फंडिंग मिलने की बात सामने आई है. अब इसकी जांच की जा रही है. हालांकि अल फलाह यूनिवर्सिटी विदेशी फंडिंग की बात से साफ इनकार कर रही है. NDTV से क्या कुछ कहा ओखला हेडक्वार्टर में बैठने वाले यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर ने जानें.
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क्या अल फलाह को मिल रही थी विदेशी फंडिंग?
अल फलाह यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर मो. रजी ने NDTV को बताया कि यूनिवर्सिटी की फंडिंग सिर्फ फीस से होती है. बाहर से उनको कोई फंडिंग रिसीव नहीं होती है. उनका कहना है कि जांच एजेंसी के साथ इस मामले में वह पूरा सहयोग करेंगे.फरीदाबाद पुलिस ने जमीन के डॉक्युमेंट मांगे थे, जो कि उनको दे दिए गए हैं. पुलिस ने रेड को लेकर कुछ भी नहीं कहा. सिर्फ पेपर्स मांगे गए थे, जो उनको मुहैया करवा दिए. इसके साथ ही जांच में पूरे सहयोग का आश्वासन यूनिवर्सिटी ने दिया है.
पकड़े गए डॉक्टर्स पर यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?
अल फलाह के डॉक्टर्स का नाम टरर मॉड्यूल से जुड़ने और कारें मिलने पर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर ने कहा कि जो भी हो रहा है इसका यूनिवर्सटी को बहुत दुख है. वह बहुत ही सदमे में है. जो लोग भी इस सब में शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जो लोग पकड़े गए हैं या नहीं भी पकड़े गए हैं, सभी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए.
यूनिवर्सिटी के कमरों में जांच एजेंसियों को क्या मिला?
यूनिवर्सिटी में पुलिस क्या जांच कर रही है और कौन से कमरे से क्या मिला है, इसकी उनको कोई जानकारी नहीं है. अब तक पुलिस को जो भी मिला है वह यूनिवर्सटी कैंपस से बाहर मिला है. कैंपस के अंदर ऐसा कोई काम नहीं किया गया है. कमरा नंबर-4 और 13 के बारे में उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया. यूनिवर्सि'टी को 2014 में UGC से मान्यता मिली थी. यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किए जाने के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है.
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