सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से सम-विषम योजना का दूसरा चरण लागू हो गया है, जबकि ऐप आधारित कैब सेवा के विरोध में ऑटो एवं टैक्सी संगठन के एक धड़े ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा की है। हड़ताल से राष्ट्रीय राजधानी के यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने बताया कि ऐप आधारित कैब सेवा के विरोध में सोमवार को राजधानी की सड़कों पर ऑटो और काली-पीली टक्सी नहीं चलेंगी।
नए परमिट जारी नहीं किए
सोनी ने कहा कि आम आदमी सरकार ने अभी तक ऑटो रिक्शा के 10,000 नए परमिट जारी नहीं किए हैं, जिन्हें परमिट वितरण में कथित अनियमितता के आरोप के चलते रद्द किया गया था।
उन्होंने कहा, 'सरकार एक ओर तो सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने की बात कह रही है, लेकिन दूसरी ओर उसने अभी तक ऑटो रिक्शा के लिए 10,000 नए परमिट जारी नहीं किए हैं। इसके अलावा हम ऐप आधारित टैक्सी बंद करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इनका परिचालन करना अवैध है। उन्होंने हमारी आजीविका छीन ली है।'
सोनी ने कहा, 'जब हमने 14 मार्च को दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय से मुलाकात की थी, तब उन्होंने 15 दिनों के अंदर हमारी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है।' उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली में इस समय करीब 13,000 काली-पीली टैक्सियां और करीब 81,000 ऑटो रिक्शा चल रहे हैं।
यात्रियों को उठानी पड़ेगी परेशानी
यदि ऑटो रिक्शा और टैक्सी वाले इस पखवाड़े हड़ताल पर जाते हैं, तो दिल्ली के यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि राजधानी दिल्ली में इस दौरान सम-विषम योजना का दूसरा चरण लागू है।
इससे एक सप्ताह पहले ऑटो एवं टैक्सी संगठन के एक वर्ग ने ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में राजधानी दिल्ली में विरोध मार्च निकाला था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने बताया कि ऐप आधारित कैब सेवा के विरोध में सोमवार को राजधानी की सड़कों पर ऑटो और काली-पीली टक्सी नहीं चलेंगी।
नए परमिट जारी नहीं किए
सोनी ने कहा कि आम आदमी सरकार ने अभी तक ऑटो रिक्शा के 10,000 नए परमिट जारी नहीं किए हैं, जिन्हें परमिट वितरण में कथित अनियमितता के आरोप के चलते रद्द किया गया था।
उन्होंने कहा, 'सरकार एक ओर तो सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने की बात कह रही है, लेकिन दूसरी ओर उसने अभी तक ऑटो रिक्शा के लिए 10,000 नए परमिट जारी नहीं किए हैं। इसके अलावा हम ऐप आधारित टैक्सी बंद करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इनका परिचालन करना अवैध है। उन्होंने हमारी आजीविका छीन ली है।'
सोनी ने कहा, 'जब हमने 14 मार्च को दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय से मुलाकात की थी, तब उन्होंने 15 दिनों के अंदर हमारी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है।' उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली में इस समय करीब 13,000 काली-पीली टैक्सियां और करीब 81,000 ऑटो रिक्शा चल रहे हैं।
यात्रियों को उठानी पड़ेगी परेशानी
यदि ऑटो रिक्शा और टैक्सी वाले इस पखवाड़े हड़ताल पर जाते हैं, तो दिल्ली के यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि राजधानी दिल्ली में इस दौरान सम-विषम योजना का दूसरा चरण लागू है।
इससे एक सप्ताह पहले ऑटो एवं टैक्सी संगठन के एक वर्ग ने ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में राजधानी दिल्ली में विरोध मार्च निकाला था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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