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This Article is From Dec 14, 2015

शकूरबस्ती पहुंचे राहुल गांधी बोले, एक भी झुग्गी टूटने नहीं दूंगा, संसद में उठाऊंगा मुद्दा

शकूरबस्ती पहुंचे राहुल गांधी बोले, एक भी झुग्गी टूटने नहीं दूंगा, संसद में उठाऊंगा मुद्दा
शकूरबस्ती में राहुल गांधी...
शकूरबस्ती: दिल्ली के शकूरबस्ती में झुग्गियों को उजाड़े जाने को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस और आप के सांसदों ने आज संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।

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वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज शकूरबस्ती पहुंचे तो पहले से यहां मौजूद 'आप' कार्यकर्ताओं ने वापस जाओ के नारे लगाए। इससे पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल मच गया। राहुल गांधी ने कहा कि एक भी झुग्गी टूटने नहीं दूंगा। झुग्गी पर कार्रवाई हो तो फोन करना। मैं यह मुद्दा संसद में उठाऊंगा।

रेलमंत्री का बयान

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बयान दिया है कि बच्ची की मौत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले ही हो चुकी थी। कई बार झुग्गियों को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था।

खुले आसमान के नीचे गुजरी दूसरी रात
दिल्ली से शकूरबस्ती इलाके में रहने वाले हजारों लोगों की दूसरी रात भी ठिठुरती ठंड में खुले आसमान के नीचे ही बीती। रेलवे ने शनिवार की सुबह इन लोगों की झुग्गियों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया था। यहां रहने वाले कुछ लोगों ने अस्थायी छत का इंतजाम तो कर लिया, लेकिन ज़्यादातर ने पूरी रात यहां के लोगों ने अलाव के सहारे ही काटी।

मौत पर सियासत
मामला शनिवार का है। जब रेलवे पुलिस और रेलवे के अधिकारियों ने झुग्गी हटाने की कार्रवाई की, जिसमें एक बच्ची की मौत की खबर आई। इस पर सियासत शुरू हो गई और यहां रह रहे लोग जैसे-तैसे अपनी रात काटने को मजबूर हो गए।

मौत का ज़िम्मेदार कौन?
शकूर बस्ती में झुग्गियों को गिराए जाने का मामला गरमाया इसलिए क्योंकि यहां के लोगों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक मासूम बच्ची की मौत हो गई जबकि कार्रवाई करने वाली रेलवे का कहना है कि यह आरोप गलत है। बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी। अब इस मामले में दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।

रेलवे की सफाई
रेलवे की सफ़ाई है कि जिस ज़मीन पर झुग्गियां हैं, वहां नया यात्री टमिर्नल बनना है। लोगों को 9 महीने से लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन किसी ने भी ज़मीन खाली नहीं की। रेलवे का ये भी दावा है कि बच्ची की मौत सुबह 10 बजे हुई, जबकि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई दोपहर 12 बजे हुई। नॉर्दन रेलवे के डीआरएम अरुण अरोड़ा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का भी साफ आदेश है कि रेलवे लाइन या उसके आसपास किसी तरह की गंदगी या मलबा नहीं होना चाहिए। रेलवे ने बयान में भी कहा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही बच्‍ची की मौत हो गई थी।
 

राजनीति शुरू
इस बीच मामले पर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि पूरे दिन अतिक्रमण चलता रहा तब केजरीवाल को इन लोगों की याद नहीं आई। वहीं, बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि केजरीवाल को कम से कम बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

क्या कहती है शुरुआती जांच
पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि अतिक्रमण हटाने से पहले बच्चे के घरवाले अपना सामान उठा रहे थे। इसी दौरान गलती से सामान की एक गठरी बच्ची के ऊपर रख दी, जिससे बच्ची का दम घुटा और उसकी मौत हो गई।

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