अरविंद केजरीवाल की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत आपराधिक मानहानि की शिकायत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ 8 अगस्त को आरोप तय कर सकती है. केजरीवाल के अधिवक्ता ने बताया कि बुधवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रांजल अनेजा ने आम आदमी पार्टी के इन दोनों नेताओं के अलावा योगेंद्र यादव को भी 8 अगस्त को अदालत में पेश होने को कहा है. अदालत इन तीनों के खिलाफ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा दर्ज आपराधिक मानहानि की शिकायत की सुनवाई कर रही थी. केजरीवाल और सिसोदिया ने याचिका खारिज करने की मांग की. सुरेंद्र शर्मा को आम आदमी पार्टी (आप) ने टिकट देने से इनकार कर दिया था.
यह भी पढ़ें : जेठमलानी ने जेटली को लिखी चिट्ठी, कहा- केजरीवाल ने मुझसे ये शब्द इस्तेमाल करने को कहा
योगेंद्र यादव वर्ष 2015 तक 'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे, लेकिन बाद में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी स्वराज इंडिया का गठन किया. शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि 2013 में उनके पास 'आप' के कार्यकर्ता आए थे, जिन्होंने उनसे पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था, साथ ही यह भी कहा था कि उनकी सामाजिक सेवाओं से केजरीवाल प्रभावित हैं.
शर्मा ने कहा कि सिसोदिया और यादव ने उन्हें कहा था कि 'आप' की राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया है, जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिया था. बाद में पार्टी की ओर से उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया.
VIDEO : जेठमलानी ने छोड़ा केजरीवाल का केस
शिकायतकर्ता ने 14 अक्टूबर, 2013 को दावा किया कि अखबारों में आरोपी व्यक्तियों द्वारा 'मानहानिपूर्वक, अनुचित तथा अपमानजनक शब्दों' का इस्तेमाल किया गया. इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. हालांकि शिकायत का विरोध करते हुए आप नेताओं ने कहा कि चुनाव के लिए टिकट देना या नहीं देना पार्टी का विशेषाधिकार होता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें : जेठमलानी ने जेटली को लिखी चिट्ठी, कहा- केजरीवाल ने मुझसे ये शब्द इस्तेमाल करने को कहा
योगेंद्र यादव वर्ष 2015 तक 'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे, लेकिन बाद में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी स्वराज इंडिया का गठन किया. शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि 2013 में उनके पास 'आप' के कार्यकर्ता आए थे, जिन्होंने उनसे पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था, साथ ही यह भी कहा था कि उनकी सामाजिक सेवाओं से केजरीवाल प्रभावित हैं.
शर्मा ने कहा कि सिसोदिया और यादव ने उन्हें कहा था कि 'आप' की राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया है, जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिया था. बाद में पार्टी की ओर से उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया.
VIDEO : जेठमलानी ने छोड़ा केजरीवाल का केस
शिकायतकर्ता ने 14 अक्टूबर, 2013 को दावा किया कि अखबारों में आरोपी व्यक्तियों द्वारा 'मानहानिपूर्वक, अनुचित तथा अपमानजनक शब्दों' का इस्तेमाल किया गया. इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. हालांकि शिकायत का विरोध करते हुए आप नेताओं ने कहा कि चुनाव के लिए टिकट देना या नहीं देना पार्टी का विशेषाधिकार होता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं