राजेंद्र कुमार पर एक कंपनी को 9.5 करोड़ रुपये का ठेका देने में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में आरोप पत्र पर विचार 11 सितंबर को करेगी. न्यायालय ने यह आदेश तब दिया जब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार को बताया कि उसे भ्रष्टाचार के मामले में कुमार के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. हालांकि, सीबीआई ने कहा कि एक और अधिकारी के खिलाफ मंजूरी मिलना अभी बाकी है.
राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उन पर निजी कंपनी एंडेवेयर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 9.5 करोड़ रुपये का दिल्ली सरकार का ठेका देने में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में पिछले साल चार जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें 26 जुलाई, 2016 को जमानत दे दी गई थी.
उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों का खंडन किया है. यह मामला केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले का है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उन पर निजी कंपनी एंडेवेयर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 9.5 करोड़ रुपये का दिल्ली सरकार का ठेका देने में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में पिछले साल चार जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें 26 जुलाई, 2016 को जमानत दे दी गई थी.
उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों का खंडन किया है. यह मामला केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले का है.
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