कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय में डीजी थे बीके बंसल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में मंगलवार को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए कंपनी मामलों के मंत्रालय के महानिदेशक बीके बंसल ने अपने सुसाइड नोट में सीबीआई पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. बसंल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सीबीआई उनकी पत्नी और बेटी को भी 'टॉर्चर' कर रही थी. बंसल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि 'सीबीआई जांचकर्ता ने कहा था कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां भी मेरे नाम से कांपेंगी.'
बंसल ने लिखा कि उनकी पत्नी को थप्पड़ मारे गए, नाख़ून चुभोए गए, गालियां दी गईं. अपने सुसाइड नोट में बीके बंसल ने लिखा है, 'डीआईजी ने एक लेडी अफसर से कहा कि मां और बेटी को इतना टॉर्चर करना कि मरने लायक हो जाएं. मैंने डीआईजी से बहुत अपील की, लेकिन उसने कहा, तेरी पत्नी और बेटी को ज़िंदा लाश नहीं बना दिया तो मैं सीबीआई का डीआईजी नहीं.'
इसके अलावा एक हवलदार ने मेरी पत्नी के साथ बहुत गंदा व्यवहार और टॉर्चर किया, बहुत गंदी गालियां मेरी पत्नी और बेटी को दी. अगर मेरी ग़लती थी भी तो मेरी पत्नी और बेटी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.
बीके बंसल के बेटे ने भी अपने नोट में लिखा है, 'मैं योगेश कुमार बंसल बहुत ही दुखी और मजबूरी की स्थिति में सुसाइड कर रहा हूं. मुझे इस सुसाइड के लिए मजबूर करने वाले सीबीआई के कुछ चुनिंदा अधिकारी हैं, जिन्होंने मुझे इस हद तक मानसिक रूप से परेशान किया. मेरी मां सत्या बाला बंसल एक बहुत ही विनम्र और धार्मिक महिला थी. मेरी बहन नेहा बंसल बहुत सीधी-सादी और दिल्ली यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट थी. उन दोनों पवित्र देवियों को भी इन्ही पांचों ने डायरेक्टली और इंडायरेक्टली इस हद तक टॉर्चर किया, इस हद तक सताया, इतना तड़पाया कि उन्हें सुसाइड करना पड़ा, वरना मेरी मम्मी और मेरी बहन नेहा तो सुसाइड के सख़्त ख़िलाफ़ थे. भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ऐसा किसी हंसते-खेलते परिवार के साथ न करना.'
सीबीआई ने माना है कि उसे दिल्ली पुलिस से ये चिट्ठियां मिली हैं. वो जांच कर दोषियों को सज़ा देने की बात कह रही है. रिश्वत के एक आरोप से शुरू हुआ ये सिलसिला जिस तरह एक पूरे परिवार के ख़ात्मे तक जा पहुंचा है, वह अपने में दिल दहलाने वाली दास्तान है.
आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस बात की ओर इशारा किया कि सुसाइड नोट में सीबीआई के जिस बड़े अफसर का जिक्र है उन्होंने ही मुख्यमंत्री केजरीवाल के शीर्ष सहयोगी पर भ्रष्टाचार के आरोपों में छापे मारे थे. केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र के इशारे पर उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए ये छापे मारे गए थे.
सबसे पहले इन दोनों का शव देखने वाली 17 वर्षीय घरेलू सहायिका ने बताया कि बंसल और उनके बेटे ने कहा था कि वे लंबे समय के लिए कहीं दूर जा रहे हैं. बंसल परिवार के घर पिछले 7 महीनों से काम कर रही रचना ने कहा, 'उन्होंने मुझे बताया कि वे घर देर से आएंगे, इसलिए वे मेरे लिए दरवाजे खुले छोड़ देंगे.' वह बताती हैं, 'मैंने अंकल जी को पंखे से लटका देखा.' उसने ही बंसल के बेटे योगेश का भी शव सबसे पहले देखा था. इसके बाद वह गार्ड को खबर देने भागी और फिर बेहोश हो गई.
इससे पहले 19 जुलाई को जब बंसल की पत्नी सत्यबाला और बेटी नेहा ने कथित रूप से खुदकुशी की थी, तब रचना ने ही सबसे पहले उनकी लाश लटकी देखी थी.
कंपनी मामलों के मंत्रालय में महानिदेशक बंसल बंसल मुंबई स्थित एक दवा कंपनी से कथित रूप से घूस लेते पकड़े गए थे. इसके बाद उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही थी. इस मामले में 17 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था और जब वे जेल में थे, तभी उनकी पत्नी व बेटी ने आत्महत्या कर ली थी. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि वे सीबीआई के छापे की वजह से अपमानित महसूस कर रही हैं.
बंसल ने लिखा कि उनकी पत्नी को थप्पड़ मारे गए, नाख़ून चुभोए गए, गालियां दी गईं. अपने सुसाइड नोट में बीके बंसल ने लिखा है, 'डीआईजी ने एक लेडी अफसर से कहा कि मां और बेटी को इतना टॉर्चर करना कि मरने लायक हो जाएं. मैंने डीआईजी से बहुत अपील की, लेकिन उसने कहा, तेरी पत्नी और बेटी को ज़िंदा लाश नहीं बना दिया तो मैं सीबीआई का डीआईजी नहीं.'
इसके अलावा एक हवलदार ने मेरी पत्नी के साथ बहुत गंदा व्यवहार और टॉर्चर किया, बहुत गंदी गालियां मेरी पत्नी और बेटी को दी. अगर मेरी ग़लती थी भी तो मेरी पत्नी और बेटी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.
बीके बंसल के बेटे ने भी अपने नोट में लिखा है, 'मैं योगेश कुमार बंसल बहुत ही दुखी और मजबूरी की स्थिति में सुसाइड कर रहा हूं. मुझे इस सुसाइड के लिए मजबूर करने वाले सीबीआई के कुछ चुनिंदा अधिकारी हैं, जिन्होंने मुझे इस हद तक मानसिक रूप से परेशान किया. मेरी मां सत्या बाला बंसल एक बहुत ही विनम्र और धार्मिक महिला थी. मेरी बहन नेहा बंसल बहुत सीधी-सादी और दिल्ली यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट थी. उन दोनों पवित्र देवियों को भी इन्ही पांचों ने डायरेक्टली और इंडायरेक्टली इस हद तक टॉर्चर किया, इस हद तक सताया, इतना तड़पाया कि उन्हें सुसाइड करना पड़ा, वरना मेरी मम्मी और मेरी बहन नेहा तो सुसाइड के सख़्त ख़िलाफ़ थे. भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ऐसा किसी हंसते-खेलते परिवार के साथ न करना.'
सीबीआई ने माना है कि उसे दिल्ली पुलिस से ये चिट्ठियां मिली हैं. वो जांच कर दोषियों को सज़ा देने की बात कह रही है. रिश्वत के एक आरोप से शुरू हुआ ये सिलसिला जिस तरह एक पूरे परिवार के ख़ात्मे तक जा पहुंचा है, वह अपने में दिल दहलाने वाली दास्तान है.
आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस बात की ओर इशारा किया कि सुसाइड नोट में सीबीआई के जिस बड़े अफसर का जिक्र है उन्होंने ही मुख्यमंत्री केजरीवाल के शीर्ष सहयोगी पर भ्रष्टाचार के आरोपों में छापे मारे थे. केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र के इशारे पर उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए ये छापे मारे गए थे.
सबसे पहले इन दोनों का शव देखने वाली 17 वर्षीय घरेलू सहायिका ने बताया कि बंसल और उनके बेटे ने कहा था कि वे लंबे समय के लिए कहीं दूर जा रहे हैं. बंसल परिवार के घर पिछले 7 महीनों से काम कर रही रचना ने कहा, 'उन्होंने मुझे बताया कि वे घर देर से आएंगे, इसलिए वे मेरे लिए दरवाजे खुले छोड़ देंगे.' वह बताती हैं, 'मैंने अंकल जी को पंखे से लटका देखा.' उसने ही बंसल के बेटे योगेश का भी शव सबसे पहले देखा था. इसके बाद वह गार्ड को खबर देने भागी और फिर बेहोश हो गई.
इससे पहले 19 जुलाई को जब बंसल की पत्नी सत्यबाला और बेटी नेहा ने कथित रूप से खुदकुशी की थी, तब रचना ने ही सबसे पहले उनकी लाश लटकी देखी थी.
कंपनी मामलों के मंत्रालय में महानिदेशक बंसल बंसल मुंबई स्थित एक दवा कंपनी से कथित रूप से घूस लेते पकड़े गए थे. इसके बाद उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही थी. इस मामले में 17 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था और जब वे जेल में थे, तभी उनकी पत्नी व बेटी ने आत्महत्या कर ली थी. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि वे सीबीआई के छापे की वजह से अपमानित महसूस कर रही हैं.
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