
बवाना उपचुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए साख का सवाल बना हुआ है (फाइल फोटो)
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बवाना उपचुनाव के लिए 23 अगस्त को मतदान
28 अगस्त को घोषित होगा नतीजा
'आप' का बागी नेता बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है
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चौधरी वीरेंद्र ने ये ये बात भले पहली बार कही हो, लेकिन जिस तरह बीजेपी उम्मीदवार के लिए बवाना में केंद्रीय मंत्री, बीजेपी के सांसद और बीजेपी शासित राज्यों के मंत्री प्रचार कर रहे थे, उससे पता चलता है कि ये सीट बीजेपी के लिए इस समय कितना महत्व रखती है. एक विधानसभा उपचुनाव में पीएम मोदी की दिलचस्पी कई सारे संकेत देती है.
केजरीवाल के लिए साख का सवाल
वैसे ये उपचुनाव केजरीवाल के भविष्य के लिए बेहद अहम है. दिल्ली में फरवरी 2015 में ऐतिहासिक जीत के बाद केजरीवाल की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी कोई चुनाव जीत नहीं पाई है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी का ही बागी विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है. यहां केजरीवाल ने जमकर प्रचार किया. पार्टी के प्रदेश प्रमुख और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने यहीं डेरा डाल लिया था.
VIDEO: बवाना उपचुनाव बना केजरीवाल की प्रतिष्ठा का सवाल
इससे पहले राजौरी गार्डन उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी. ऐसे में सत्ता में रहकर अगर आम आदमी पार्टी बवाना उपचुनाव नहीं जीत पाई, तो वह घोषित तौर पर अलोकप्रिय हो जाएगी. बता दें कि 23 अगस्त को होने वाले बवाना उपचुनाव के लिए प्रचार अब थम चुका है. 28 अगस्त को इसका नतीजा घोषित किया जाएगा.
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