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This Article is From Dec 05, 2020

'बैंड बाजा बारात' गिरोह का पर्दाफाश, शादियों में बड़ी चालाकी से चोरी की वारदात को देते थे अंजाम

शादी समारोह में चोरी की वारदात करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश कर क्राइम ब्रांच ने दो नाबालिग समेत सात लोगों को पकड़ा है.

'बैंड बाजा बारात' गिरोह का पर्दाफाश, शादियों में बड़ी चालाकी से चोरी की वारदात को देते थे अंजाम
महंगे कपड़े पहनकर शादी में शामिल होते थे आरोपी (लाल कोट में नजर आ रही आरोपी की फोटो)
नई दिल्ली:

शादी समारोह में चोरी की वारदात करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश कर क्राइम ब्रांच ने दो नाबालिग समेत सात लोगों को पकड़ा है. ये गैंग बच्चों को उनके मां-बाप से एक साल के लिए लीज पर लेकर चोरी करवाता था. इसके बदले बच्चे के घरवालों को दो या इससे ज्यादा किस्त में दस से बारह लाख रुपए अदा किए जाते थे. बकायदा, चोरी कराने से पहले बच्चों को ट्रेंड किया जाता, उन्हें खानपान से लेकर बढ़िया कपड़े पहनने के तौर तरीके सिखाए जाते थे. अब तक की पूछताछ में पुलिस ने दावा किया दिल्ली, लुधियाना, जिरकपुर और चंडीगढ में शादी समारोह के दौरान हुई चोरी की आठ वारदातें सुलझा ली गई हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की रकम से चार लाख रुपए, एक सिल्वर का सिक्का और दो बैग बरामद किए हैं. आरोपियों की पहचान संदीप, हंसराज, संत कुमार, किशन व बॉबी हैं. जबकि दो आरोपी नाबालिग हैं. 

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क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में शादी समारोह में चोरी की कई घटनाएं सामने आ चुकी थीं. एसटीएफ एसीपी पंकज सिंह की टीम को विशेष रुप से इन केसों की जांच में लगाया गया था. जिन्होंने कई शादियों की वीडियो फुटेज की जांच की. सीसीटीवी फुटेज और वीडियो फुटेज देखने के बाद पुलिस ने दो नाबालिग समेत तीन संदिग्धों की पुलिस ने पहचान की. जांच में पुलिस ने पाया शादी के समारोह स्थल पर नाबालिग बेहद बढिया कपड़े पहनकर वहां पहुंचे, आरोपी न केवल खाना खाते हैं बल्कि वारदात का सही वक्त का इंतजार करते हैं. मौका मिलते ही वे गिफ्ट बैग, शगून, ज्वेलरी कैश चोरी कर वहां से निकल जाते हैं.

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आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने राजगढ के तीन गांव गुलखेरी, सुलखेरी और कडिया में जाकर आरोपियों की पहचान की. ये गैंग राजगढ़ जिला मध्यप्रदेश से ऑपरेट होता है, जिसके सदस्य बैंकेट हॉल और फार्महाउस में हो रही शादी के दौरान चोरी करते थे. दो दिसम्बर को पुलिस ने इस गैंग के सभी सदस्यों को पकड़ लिया. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया वे नौ से पंद्रह साल के बच्चों को उनके परिजनों से लीज पर एक साल के लिए लेते थे. इसे बदले उन्हें दस से बारह लाख रुपए दिए जाते थे. 

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इन बच्चों को दिल्ली लाकर चोरी की वारदात करने से लेकर तमाम तरह की ट्रेनिंग दी जाती थी. आरोपियों ने बताया कापसहेड़ा, मायापुरी, मोती नगर में तीन वारदात के अलावा पंजाब और चंडीगढ में चोरी की वारदातें कर चुके हैं. यहां दिल्ली में आकर वे किराए के मकान में रहते थे. आरोपियों में संदीप गैंग का सरगना है जो साल 2010 से अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है. सभी आरोपी राजगढ़ मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं. 

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