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This Article is From Jul 25, 2016

दिल्ली में ऑटो-टैक्सी हड़ताल से यात्रियों को हो रही है परेशानी

दिल्ली में ऑटो-टैक्सी हड़ताल से यात्रियों को हो रही है परेशानी
प्रतीकात्मक चित्र
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में हड़ताल पर हैं टैक्सी चालक।
दिल्ली में करीब 85,000 ऑटो-रिक्शा, 15,000 काली-पीली टैक्सियां हैं।
नई दिल्ली स्टेशन पर धरना भी दे रहे हैं ऑटो-टैक्सी चालक।
नई दिल्ली: ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के विरोध में शहर की ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे हजारों यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ऑटो और टैक्सी की बीस यूनियनों ने मिलकर संयुक्त कार्य समिति बनाई है। इसी समिति ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। समिति ने दावा किया कि हड़ताल के समर्थन में करीब 85,000 ऑटो और 15,000 काली-पीली टैक्सियां राजधानी की सड़कों से नदारद हैं।

दिल्ली सरकार ने इस हड़ताल को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है और कहा है कि एप आधारित कैब सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए इस मामले में केंद्र सरकार को ही कुछ करना चाहिए।

हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कनॉट प्लेस, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी जैसे स्थानों पर यात्रियांे को आवागमन के साधन नहीं मिल रहे हैं।

ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (एडीएटीटीसीयू) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि ऑटो और टैक्सी के चालक ऐप आधारित सेवाओं का विरोध कर रहे हैं।

वर्मा ने कहा, उबर और ओला के पास दिल्ली में टैक्सी चलाने का परमिट नहीं है फिर भी हमारी रोजी-रोटी छीनने के लिए सरकार उन्हें अपनी गाड़ियां चलाने दे रही है।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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