दिल्ली पुलिस ने एक एटीएम के जरिये ठगी करने वाले एक बड़े गैंग को पकड़ा है. इन्होंने दिल्ली के 2 एटीएम में एक हफ्ते के अंदर ठगी की 88 से ज्यादा वारदात कीं. इसके अलावा दूसरे शहरों में भी ये लोग सैकड़ों वारदात कर चुके हैं. ये वो गैंग हैं जो लोगों का मुश्किल से कमाया पैसा पलक झपकते ही उनके अकॉउंट से गायब कर देता था. नजफगढ़ का रहने वाला धर्मेंद्र सैनी इस गैंग का मास्टरमाइंड है. उसके तीन साथियों सिद्धार्थ, सुनील कुमार और मंयक सक्सेना को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर के 2 एटीएम से एक हफ्ते के अंदर 88 लोगों के पैसे एटीएम के जरिये निकाल लिए.
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ठगी करने के इनके तरीके और ठगी के साजो सामान के बारे में भी जान लीजिए. ठगी करने के लिए ये ऐसे एटीएम को चुनते थे जहां गार्ड तैनात न हों. आरोपी मयंक सबसे पहले पहुंचकर एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों पर स्प्रे कर देता था. उसके बाद आरोपी धर्मेंद्र एटीएम कार्ड लगाने वाली जगह पर स्किमिंग मशीन लगा देता था जिससे अगर कोई ग्राहक अपना एटीएम कार्ड लगाता तो उसका डेटा कॉपी हो जाता था. एटीएम के कीपैड पर ये लोग अपना नकली कीपैड लगा देते थे, जिससे लोगों के एटीएम कार्ड के पासवर्ड का पता चल जाता था.
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उसके बाद ये लोग एक मशीन और लैपटॉप के जरिये खाली एटीएम कार्ड पर क्लोनिंग के जरिये नए एटीएम कार्ड तैयार कर लेते थे और किसी भी एटीएम से लोगों के अकॉउंट से पैसा निकाल लेते थे. 300 खाली एटीएम कार्ड, क्लोनिंग मशीन और ठगी का पूरा सामान इन लोगों ने ऑनलाइन खरीददारी कर मंगाया था. आरोपी धर्मेंद्र और सिद्धार्थ पहले जयपुर और मुम्बई में भी इसी तरह की ठगी में गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके पास से करीब 16 लाख रुपये कैश बरामद हुआ है. मुख़र्जी नगर में कई छात्रों के साथ जो इस तरह की ठगी हुई है उनमें इस गैंग की भूमिका की जांच की जा रही है.