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This Article is From Jul 05, 2018

दिल्‍ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर ठनी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के लिए एलजी से मिलेंगे सीएम केजरीवाल

सर्विसेस विभाग और सरकार के बीच टकराव को दूर करने के लिए एलजी से मिलेंगे सीएम केजरीवाल.

दिल्‍ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर ठनी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के लिए एलजी से मिलेंगे सीएम केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी दिल्ली का टकराव ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अफ़सरों की ट्रांसफ़र-पोस्टिंग को लेकर दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किए तो सर्विसेज़ डिपार्टमेंट ने साफ़ कर दिया कि सरकार को ये अधिकार नहीं है, इसका अधिकार एलजी को है. हम सरकार का आदेश नहीं मानेंगे. वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ़ है कि पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर और लैंड को छोड़ बाक़ी सभी विभागों पर दिल्ली सरकार फ़ैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं. फिर भी अगर अफ़सर सरकार की नहीं सुनेंगे तो लोकतंत्र कैसे चलेगा? दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर अफ़सर फ़ैसला नहीं मानेंगे तो देश में अफ़रा-तफ़री मच जाएगी. अफ़सर कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं. फ़िलहाल कोर्ट जाने को लेकर हम क़ानूनी सलाहकारों की राय ले रहे हैं... हमें एलजी और केंद्र सरकार से सहयोग की ज़रूरत है.

वहींं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल से मिलने का समय मांगा है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का बुधवार को दिया गया आदेश लागू करवाने के लिए उनसे समर्थन मागेंगे. बता दें कि अधिकारों की जंग पर दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली में सरकार और अधिकारियों के बीच टकराव कायम है. सर्विसेस विभाग द्वारा दिल्ली सरकार का आदेश मानने से इनकार करने के बाद मामला और गरमा गया है. यही वजह है कि बीच का रास्ता निकालते हुए अरविंद केजरीवाल एलजी से मिलेंगे और उनसे समर्थन मागेंगे. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में ख़त्म नहीं हो रहा टकराव, पैदा हो सकता है 'प्रशासनिक संकट'

इससे पहले दिल्ली के उप मुख्ममंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नौकरशाहों द्वारा प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन करने से इनकार करना अदालत की अवमानना के समान है और नेतृत्व इस विषय पर कानूनी विकल्प पर विचार कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों और केंद्र से फैसले का पालन करने की अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की सलाह मानने को बाध्य है और वह बाधा डालने वाले नहीं हो सकते.

सर्विसेज डिपार्टमेंट ने केजरीवाल सरकार का आदेश मानने से किया इनकार!

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा, ‘मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर बताया कि सेवा विभाग आदेशों का पालन नहीं करेंगे. अगर वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं और तबादले की फाइलें अब भी उपराज्यपाल देखेंगे तो यह संवैधानिक पीठ की आवमानना होगी.’ उन्होंने कहा , ‘हम अपने वकीलों से सलाह- मशविरा कर रहे हैं कि इस स्थिति में क्या किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उपराज्यपाल केवल तीन विषयों में हस्तक्षेप कर सकते हैं जिनमें सेवा विभाग शामिल नहीं हैं.

अब दिल्ली के मंत्री लेंगे अफसरों और कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के फैसले

सिसोदिया ने कहा , ‘मैं अधिकारियों के साथ- साथ केंद्र से अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें.’    सुप्रीम कोर्ट के बुधवार को ऐतिहासिक फैसले के कुछ घंटे बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादलों और तैनातियों के लिए भी एक नयी प्रणाली शुरू की जिसके लिए मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिया गया है. बहरहाल, सेवा विभाग (सर्विसेस विभाग) ने यह कहते हुए आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया कि उच्चतम न्यायालय ने 2016 में जारी उस अधिसूचना को नहीं हटाया जिसमें तबादलों और तैनातियों का अधिकार गृह मंत्रालय को दिया गया था. (इनपुट भाषा से)

VIDEO: सर्विसेज विभाग ने दिल्ली सरकार का आदेश मानने से किया इनकार

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