पकड़े गए आरोपी.
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फर्जी ईडी अफसर बनकर देश के बड़े कारोबारियों,अफसरों और नेताओं को ठगने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है और 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड एलेक्स जोसफ है जिसने दुबई से 500 महंगी कारें बिना आयात शुल्क दिए भारत मंगाईं. उसने सरकार को 200 करोड़ के आयात शुल्क का चूना लगाया.
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक ईडी ऑफिस से दिल्ली के तुगलक रोड थाने में दो सितंबर को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग फर्जी ईडी अफसर बनकर नामी लोगों को ईडी के फर्जी सम्मन भेज रहे हैं और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे हैं. इस मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंपी गई. स्पेशल सेल ने सबसे पहले कोलकाता से कल्याण शुक्ला और गौरव प्रधान को गिरफ्तार किया. यह दोनों कोलकाता के कारोबारियों संजय सुरेखा और महावीर अग्रवाल को ईडी का फर्जी सम्मान भेजकर मामला रफा दफा करने के लिए पांच करोड़ रुपये मांग रहे थे.
इसके बाद दिल्ली से गिरोह के सरगना एलेक्स जोसफ, पंडारा रोड में रहने वाले दिनेश नागपाल, कैलाश हिल्स में रहने वाले राकेश कुंद्रा, तारकेश्वर पासवान, राजेश नायर, एरिक्सन मैसे, मोहम्मद तारिक और जावेद खान को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड एलेक्स जोसफ मूल रूप से केरल का रहने वाला है. सन 1987 में वह नौकरी की तलाश में दुबई गया और फिर वहां से नई कारों को सेकेंड हैंड कारें बताकर दुबई से भारत भेजने लगा. वर्ष 1990 से 2013 तक उसने 500 लक्ज़री कारें भारत के जाने माने नेताओं, कारोबारियों और अफसरों को भेजीं और सरकार को 200 करोड़ के आयात शुल्क का चूना लगाया. करीब 25 साल पहले से वह दिल्ली आता-जाता रहा है. यहां वह साउथ एक्सटेंशन पार्ट-दो में रह रहा था. ईडी ने उसे पहली बार 1993 में गिरफ्तार किया. वर्ष 1997 में वह फिर से गायब हो गया. इसके बाद उसे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से सीबीआई ने पकड़ा. वह लगातार सीबीआई, डीआरआई जैसी एजेंसियों के राडार में भी रहा है.
जांच एजेंसियों से बचने के लिए उसने फर्जी ईडी ऑफिस खोलकर पूरे देश में फर्जी ईडी अफसरों का गिरोह बनाया इसमें कुछ लोग फर्जी सम्मन तैयार करते थे तो कुछ यह सम्मन देने जाते थे. कुछ लोग बाद में मामला रफा दफा कराने के बहाने मोटी रकम वसूलते थे.
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक ईडी ऑफिस से दिल्ली के तुगलक रोड थाने में दो सितंबर को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग फर्जी ईडी अफसर बनकर नामी लोगों को ईडी के फर्जी सम्मन भेज रहे हैं और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे हैं. इस मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंपी गई. स्पेशल सेल ने सबसे पहले कोलकाता से कल्याण शुक्ला और गौरव प्रधान को गिरफ्तार किया. यह दोनों कोलकाता के कारोबारियों संजय सुरेखा और महावीर अग्रवाल को ईडी का फर्जी सम्मान भेजकर मामला रफा दफा करने के लिए पांच करोड़ रुपये मांग रहे थे.
इसके बाद दिल्ली से गिरोह के सरगना एलेक्स जोसफ, पंडारा रोड में रहने वाले दिनेश नागपाल, कैलाश हिल्स में रहने वाले राकेश कुंद्रा, तारकेश्वर पासवान, राजेश नायर, एरिक्सन मैसे, मोहम्मद तारिक और जावेद खान को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड एलेक्स जोसफ मूल रूप से केरल का रहने वाला है. सन 1987 में वह नौकरी की तलाश में दुबई गया और फिर वहां से नई कारों को सेकेंड हैंड कारें बताकर दुबई से भारत भेजने लगा. वर्ष 1990 से 2013 तक उसने 500 लक्ज़री कारें भारत के जाने माने नेताओं, कारोबारियों और अफसरों को भेजीं और सरकार को 200 करोड़ के आयात शुल्क का चूना लगाया. करीब 25 साल पहले से वह दिल्ली आता-जाता रहा है. यहां वह साउथ एक्सटेंशन पार्ट-दो में रह रहा था. ईडी ने उसे पहली बार 1993 में गिरफ्तार किया. वर्ष 1997 में वह फिर से गायब हो गया. इसके बाद उसे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से सीबीआई ने पकड़ा. वह लगातार सीबीआई, डीआरआई जैसी एजेंसियों के राडार में भी रहा है.
जांच एजेंसियों से बचने के लिए उसने फर्जी ईडी ऑफिस खोलकर पूरे देश में फर्जी ईडी अफसरों का गिरोह बनाया इसमें कुछ लोग फर्जी सम्मन तैयार करते थे तो कुछ यह सम्मन देने जाते थे. कुछ लोग बाद में मामला रफा दफा कराने के बहाने मोटी रकम वसूलते थे.
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