
- दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह पांच बजे 207.35 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के स्तर से अधिक है.
- प्रशासन ने बाढ़ के मद्देनजर दिल्ली के सभी तेरह नियामक नालों को बंद कर दिया है और बालू के बोरे लगाए हैं.
- राहत शिविरों में पानी घुसने से विस्थापित लोगों पर वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बना हुआ है
दिल्ली में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. भले ही गुरुवार सुबह 10 बजे के बाद से यमुना का जलस्तर घटा है लेकिन पानी अभी भी डेंजर लेवल (Delhi Yamuna Flood के काफी ऊपर है. हथनी कुंड बैराज से 117876 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज से 179560 क्यूसेक, ओखला बैराज से 244478 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है, इससे खतरा और बढ़ सकता है. दिल्ली में बाढ़ के हालात के बीच यमुना के जलस्तर में थोड़ी कमी देखी गई है. शुक्रवार तड़के 5 बजे जलस्तर 207.35 दर्ज किया (Delhi Yamuna Flood) गया. जबकि अगर बात गुरुवार की करें तो शाम 7 बजे दिल्ली रेलवे ब्रिज स्थल पर यमुना नदी का जलस्तर 207.42 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. यह खतरे के स्तर 205.33 मीटर से 2.09 मीटर ज्यादा था.
#WATCH | दिल्ली: यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2025
ड्रोन वीडियो मयूर विहार से है। pic.twitter.com/e46t5aQXA2
बाढ़ से निपटने के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए प्रशासन ने दिल्ली के सभी 13 नियामक नालों (रेगुलेटर ड्रेन्स) को बंद कर दिया है. शहर में वासुदेव घाट से यमुना तट तक फैले वर्षा जल निकासी नालों के मुहानों पर बालू से भरे बोरे रख दिए गए हैं ताकि नदी का पानी शहर के निचले इलाकों में वापस न घुस सके.

बता दें कि यमुना का उफान कम होने के बीच राहत शिविरों में रह रहे लोगों पर वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल कई शिविरों में भी पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं. मयूर विहार फेज-1 और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी राहत शिविरों में घुस गया, जिससे सैलाब के कारण विस्थापित हुए लोगों की परेशानी और बढ़ गई.
जल शक्ति मंत्रालय के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने दिल्ली सरकार और NDRF के अधिकारियों को भेजे ताज़ा बाढ़ पूर्वानुमान रिपोर्ट में ये अहम बात कही है. जल शक्ति मंत्रालय के सेंट्रल वाटर कमीशन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में इस रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा, "वर्तमान संकेतों के अनुसार, जलस्तर में गिरावट रहेगी तथा 5 सितंबर को 08:00 बजे तक जलस्तर 207.30 होने की संभावना है, उसके बाद जलस्तर में गिरावट रहने की संभावना है".
हालांकि अपनी रिपोर्ट में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने आगाह किया है कि "उपरोक्त पूर्वानुमान वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी के कारण और अधिक प्रभावित हो सकता है".
दिल्ली में 52% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई
पिछले कुछ दिनों से ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा और हथिनी कुंड बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाकों में बाढ़ का संकट बना हुआ है. भारत मौसम विभाग के पास मौजूद आकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस मॉनसून सीजन में अब तक 4 सितम्बर, 2025 तक 704.7 mm बारिश रिकॉर्ड की गई है. जबकि औसतन 464.3 mm बारिश रिकॉर्ड की जाती है. यानि इस साल अब तक औसत से 52% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गयी है.
इस मॉनसून सीजन में दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में 4 सितम्बर तक 539.9 mm बारिश रिकॉर्ड की गई. जबकि औसतन इस दिन तक राज्य में कुल 365.4 mm बारिश रिकॉर्ड की जाती रही है. यानि इस साल हरियाणा में भी अब तक औसत से 48% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है.
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