नोएडा प्राधिकरण (अथॉरिटी) की 207वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है कि अगर किसी के पेट डॉग (पालतू कुत्ते) या पेट कैट (बिल्ली) के कारण किसी भी दुर्घटना के होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही घायल व्यक्ति या जानवर के इलाज का खर्च भी पालतू जानवर के मालिक (जिसके कारण दुर्घटना हुई हो) से लिया जाएगा. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.
आज @noida_authority की 207वीं बोर्ड की बैठक में आवारा/पालतू कुत्तों/पालतू बिल्लियों हेतु नौएडा प्राधिकरण की नीति निर्धारण के संबंध में निर्णय लिए गए।
— CEO, NOIDA Authority #IndiaFightsCorona (@CeoNoida) November 12, 2022
नौएडा क्षेत्र हेतु एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इण्डिया की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुये प्राधिकरण द्वारा नीति का निर्धारण किया गया है।
ट्वीट में सीईओ ने बताया है कि दिनांक 31.01.2023 तक पालतू कुत्तों या बिल्लियों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. पंजीकरण न कराने की दशा में जुर्माना लगाया जाएगा. पालतू कुत्तों के स्ट्रेलाईजेशन/ एंटीरेबीज वैक्सीनेशन की अनिर्वायता की गई है. उल्लंघन की स्थिति में दिनांक 01.03.2023 से प्रति माह 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
आरडब्लूए या एओए या ग्राम निवासियों की सहमति से बीमार, उग्र या आक्रामक हो चुके स्ट्रीट डॉग्स के लिए डॉग्स शेल्टर का निर्माण किया जाएगा. इनके रखरखाव का दायित्व संबंधित आरडब्लूए या एओए का होगा. आउटडोर एरिया पर फीडिंग स्थल चिन्हीकरण आरडब्लूए या एओए द्वारा ही की जाएगी. पालतू कुत्ते द्वारा सार्वजनिक स्थल पर गंदगी किए जाने पर उसकी सफाई की जिम्मेदारी पशुपालक की होगी.
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