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ग्रेटर नोएडा में किसानों की आज महापंचायत, 14 संगठन करेंगे प्रदर्शन, यातायात हो सकती है प्रभावित

जीरो पाइंट पर आज किसानों की होने वाली महापंचायत के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात की गई है. यातायात प्रभावित न हो इसलिए किसानों के वाहनों को जीरो पाइंट के नीचे पार्किंग में खड़ा करवाया जाएगा.

ग्रेटर नोएडा में किसानों की आज महापंचायत, 14 संगठन करेंगे प्रदर्शन, यातायात हो सकती है प्रभावित
सभी किसान जीरो पॉइंट पर पहुंचकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे.
ग्रेटर नोएडा:

किसानों की मांगों को लेकर यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पाइंट पर बुधवार को किसानों की महापंचायत होने वाली है. महापंचायत 11 बजे शुरू होगी. जिसमें सभी 14 किसान संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. सभी किसान जीरो पॉइंट पर पहुंचकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान नोएडा वासिओं को ट्रैफिक का सामना करने पड़ सकता है. दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि सरकार और प्राधिकरण की गलत नीतियों के कारण किसानों को संघर्ष करना पड़ रहा है. प्राधिकरण ने किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा और 10 प्रतिशत प्लॉट नहीं दिए हैं. साल 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून भी लागू नहीं किया गया है. जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा.

कुछ दिन पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा के सभी घटक संगठनों के नेताओं ने दनकौर स्थित डूंगरपुर-रीलका गांव में किसान एकता महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रमेश कसाना के आवास पर बैठक की थी. इस बैठक में 19 मार्च को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर होने वाली विशाल किसान महापंचायत की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई थी. बैठक में भाकियू टिकैत, भाकियू महात्मा टिकैत, भाकियू मंच, भाकियू भानु, भाकियू अजगर, भाकियू कृषक शक्ति, भाकियू सम्पूर्ण भारत, भाकियू अखण्ड, भाकियू एकता, किसान एकता महासंघ, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, किसान बेरोजगार सभा और जय जवान जय किसान मोर्चा सहित सभी 14 किसान संगठनों के निर्णायक पदाधिकारी मौजूद रहे थे.

भारी पुलिस बल तैनात

जीरो पाइंट पर किसानों की महापंचायत कॉल के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात की गई है. यातायात प्रभावित न हो इसलिए किसानों के वाहनों को जीरो पाइंट के नीचे पार्किंग में खड़ा करवाया जाएगा.

बीते साल 30 दिसंबर को महापंचायत के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा था, "प्राधिकरण ने किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा और 10 प्रतिशत प्लॉट नहीं दिए हैं. साथ ही, 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून भी लागू नहीं किया गया है." उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार और प्राधिकरण की गलत नीतियों के कारण किसानों को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है. पिछली महापंचायत में पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें से कई किसान नेता अभी भी जेल में बंद हैं. उनकी रिहाई के लिए किसान संगठन लगातार प्रयास कर रहे हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेताओं ने 19 मार्च की महापंचायत को सफल बनाने के लिए सभी किसानों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है.

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